नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने AQIS (अलकायदा इन द इंडियन सबकॉन्टिनेंट) झारखंड मॉड्यूल मामले की जांच की अवधि बढ़ाने की दिल्ली पुलिस की याचिका को मंजूर कर लिया है। इस फैसले के बाद, पुलिस को अब मामले की जांच पूरी करने के लिए 90 दिन का अतिरिक्त समय मिल गया है। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और अमित शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश 11 दिसंबर को सुनवाई के दौरान दिया।
इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल कर रही है, और यह AQIS के झारखंड मॉड्यूल से जुड़ा हुआ है, जिसका भंडाफोड़ हाल ही में दिल्ली पुलिस ने किया था। इससे पहले, निचली अदालत ने जांच की अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
निचली अदालत का आदेश चुनौतीपूर्ण
दिल्ली पुलिस ने अपनी याचिका में यह दावा किया था कि अगर जांच की अवधि बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जाती, तो आरोपियों को डिफॉल्ट बेल मिल सकती है। निचली अदालत ने 18 नवंबर को दिल्ली पुलिस की याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद पुलिस ने हाईकोर्ट का रुख किया। इस दौरान, अतिरिक्त लोक अभियोजक (एपीपी) लक्ष्य खन्ना और विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) अखंड प्रताप सिंह ने दिल्ली पुलिस की ओर से मामले को हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया और अदालत से जांच की अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया।
क्या है AQIS झारखंड मॉड्यूल मामला?
यह मामला एक खुफिया-आधारित ऑपरेशन से जुड़ा है, जिसमें दिल्ली पुलिस, झारखंड, राजस्थान और उत्तर प्रदेश पुलिस के संयुक्त अभियान में AQIS से प्रेरित एक मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया था। अगस्त 2023 में, रांची के डॉ. इश्तियाक समेत 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें अनामुल अंसारी, शहनाज अंसारी, अल्ताफ अंसारी, हसन अंसारी, इश्तियाक अहमद, अरशद खान, उमर फारूक, मोहम्मद रिजवान, मोतिउर रहमान, रहमतुल्लाही, और फैजान अहमद शामिल हैं। ये सभी आरोपी आतंकी गतिविधियों में संलिप्त थे और इन्हें जांच के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि इस मॉड्यूल का भंडाफोड़ एक समन्वित प्रयास के तहत किया गया, जो खुफिया जानकारी पर आधारित था। पुलिस ने इस ऑपरेशन में अपनी सफलता को महत्वपूर्ण बताया और आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की।
हाईकोर्ट का आदेश और पुलिस की उम्मीदें
दिल्ली पुलिस के लिए यह एक बड़ी राहत है, क्योंकि अब उन्हें मामले की पूरी जांच को निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए अतिरिक्त समय मिल गया है। हालांकि, हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह आदेश विशेष परिस्थितियों में दिया गया है और भविष्य में इस तरह के मामलों में कानूनी प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले के बाद आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों पर और भी ध्यान दिया जाएगा, और यह जांच आतंकवादी संगठनों के नेटवर्क को तोड़ने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। इस फैसले के बाद, दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि वे अब पूरी गति से जांच पूरी करेंगे और जल्द ही आरोपियों के खिलाफ मजबूत सबूत कोर्ट में प्रस्तुत करेंगे।
क्या AQIS के इस मॉड्यूल का भंडाफोड़ पुलिस के लिए निर्णायक होगा? यह सवाल अब सभी के दिमाग में है, क्योंकि यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक अहम मोड़ साबित हो सकती है।