संसद के शीतकालीन सत्र में अडाणी मामले पर विपक्षी सांसदों की ओर से लगातार मांग उठ रही है कि इस मुद्दे पर चर्चा हो और इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी तेज हो गए हैं। आज, 10 दिसंबर 2024 को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की अगुवाई में कांग्रेस पार्टी के सांसदों ने संसद परिसर में काले रंग के झोले लेकर प्रदर्शन किया। इन झोलों पर पीएम नरेंद्र मोदी और गौतम अडाणी के कैरिकेचर बने थे, जबकि दूसरी ओर ‘मोदी अडाणी भाई-भाई’ लिखा हुआ था। यह विरोध प्रदर्शन विपक्षी दलों का एक नया तरीका था, जो पहले से चल रहे विरोध प्रदर्शनों की कड़ी में था।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस सांसदों ने संसद की बैठक से पहले मकर द्वार की सीढ़ियों पर प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस के अलावा डीएमके, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), वाम दलों और अन्य विपक्षी दलों के सांसद भी शामिल हुए। काले झोलों में पीएम मोदी और अडाणी के बीच कथित रिश्तों को लेकर नारे लगाए गए और मामले की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से जांच की मांग की गई।
हाल ही में राहुल गांधी ने संसद में एक बैठक आयोजित की, जिसमें उन्होंने पार्टी के रुख और संसद में आगे की रणनीति पर चर्चा की। इससे पहले सोमवार को विपक्षी दलों ने एक अनोखा प्रदर्शन किया था, जिसमें राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी और अडाणी के मुखौटे पहने और एक नकली इंटरव्यू लिया। इस दौरान उन्होंने ‘मोदी, अडाणी एक हैं’ और ‘हमें न्याय चाहिए’ जैसे नारे लगाए। यह प्रदर्शन संसद परिसर के मकर द्वार की सीढ़ियों के सामने हुआ था।
विपक्षी दलों का आरोप है कि अडाणी समूह के खिलाफ अमेरिकी अदालत में जो आरोप लगाए गए हैं, उनके बाद इस मामले की एक संयुक्त संसदीय समिति से जांच की आवश्यकता है। राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेता लगातार अडाणी की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। हालांकि, अडाणी समूह ने इन आरोपों को निराधार और बेबुनियाद करार देते हुए खारिज किया है।
संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ही अडाणी मामले को लेकर विपक्षी दलों का विरोध प्रदर्शन जारी है, और यह मुद्दा अब भी राजनीतिक गलियारों में गर्मा रहा है।