संभल जिले में हाल ही में घटित एक सनसनीखेज मामले ने न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का माहौल पैदा कर दिया है। यह मामला एक महिला की दुखभरी कहानी से जुड़ा हुआ है, जिसमें घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, और धार्मिक विवादों की परतें उधड़ी हैं। इसके अलावा, इस मामले से जुड़ा हुआ संभल बवाल और उससे जुड़े भड़काऊ वीडियो की वायरल होने की घटना भी एक गंभीर मोड़ ले चुकी है। यह घटनाएँ सभी को चौंकाने वाली हैं और समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर कर रही हैं।
महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उसने बताया कि 2021 में उसने अपने पहले पति से तलाक ले लिया था, और फिर एक मोहल्ले के युवक से निकाह कर लिया। लेकिन यह युवक उसे निकाह का झांसा देकर शारीरिक शोषण करता रहा। महिला ने बताया कि इस युवक ने उसे यह भरोसा दिलाया था कि वह न केवल उसे अपना परिवार बनाएगा, बल्कि उसके तीन बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी भी उठाएगा। महिला का कहना था कि पहले पति से उसके तीन बच्चे थे, जिनमें बड़ी बेटी की उम्र 11 साल थी।
महिला का आरोप है कि निकाह के बाद उसे उसके पति, सास और जेठ ने दहेज की मांग को लेकर मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि पति ने उसकी बड़ी बेटी के साथ भी छेड़छाड़ की। इसके बाद महिला ने अपने जेठ के खिलाफ दुष्कर्म का प्रयास करने का आरोप लगाया, लेकिन परिवार ने उसे और परेशान करना शुरू कर दिया। इन सब घटनाओं के बाद महिला की स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई और उसने अंततः न्याय की तलाश में पुलिस का दरवाजा खटखटाया।
महिला ने बताया कि 31 अक्टूबर को उसके पति ने उसे घर से बाहर कर दिया और कहा कि अब वह उसे अपने पास नहीं रखेगा। इसके बाद 4 दिसंबर को महिला अपने पति के ऑफिस गई, जहां वह यूट्यूब पर संभल बवाल से संबंधित वीडियो देख रही थी। तभी पति ने आकर उसे पूछा कि वह वीडियो क्यों देख रही है, और इस पर महिला ने बताया कि वह पुलिस कार्रवाई के बारे में जानकारी हासिल कर रही थी। इस पर पति गुस्से में आ गया और महिला को “काफिर” कहा। महिला के मुताबिक, उसके पति ने इस बात से नाराज होकर उसे तीन तलाक दे दिया।
महिला के लिए यह सबकुछ बहुत ही अप्रत्याशित था। उसकी जिंदगी में पहले से ही कठिनाइयाँ चल रही थीं, और अब इस झटके ने उसे पूरी तरह से हिला कर रख दिया। महिला ने तुरंत इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और आरोप लगाया कि उसका पति, सास और जेठ उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे। पुलिस ने महिला की शिकायत पर आरोपी पति और उसके परिवार के खिलाफ मामला दर्ज किया। एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और आरोपी जल्द ही गिरफ्तार हो सकते हैं।
लेकिन यह मामला केवल घरेलू हिंसा और तलाक तक सीमित नहीं रहा। 24 नवंबर को संभल जिले के जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान उपद्रवियों द्वारा की गई हिंसा और तोड़फोड़ की घटना ने और भी गहरी राजनीति और समाजिक मुद्दों को जन्म दिया। इस उपद्रव में पुलिस की गाड़ियों को नुकसान पहुंचा, अधिकारियों की गाड़ियाँ भी क्षतिग्रस्त हो गईं, और कई लोगों के घरों में लगे सीसीटीवी कैमरे भी तोड़ दिए गए। प्रशासन ने इस घटना का आकलन शुरू कर दिया, और परिवहन विभाग ने 20.20 लाख रुपये का नुकसान रिपोर्ट किया, जबकि बिजली विभाग ने दो लाख रुपये के नुकसान का आकलन किया।
इस बीच, प्रशासन ने उपद्रवियों से नुकसान की वसूली की प्रक्रिया शुरू करने के लिए एक योजना बनाई। राजस्व विभाग को अन्य नुकसान का आकलन करने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया, और इस रिपोर्ट को एसडीएम को सौंपने के निर्देश दिए गए। इन रिपोर्टों की समीक्षा के बाद, प्रशासन उपद्रवियों से नुकसान की वसूली शुरू करेगा।
लेकिन यह सभी घटनाएँ एक और जटिल मोड़ ले गईं, जब सोशल मीडिया पर एक भड़काऊ वीडियो वायरल हो गया। इस वीडियो में मस्जिद के अंदर तोड़फोड़ दिखाई गई थी, जबकि वास्तविकता में मस्जिद को कोई नुकसान नहीं हुआ था। सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो ने माहौल को और बिगाड़ दिया और प्रशासन को एक और चुनौती दे दी। साइबर क्राइम थाने ने इस वीडियो के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की और कहा कि यह वीडियो माहौल को खराब करने के उद्देश्य से एडिट किया गया था। इस रिपोर्ट के आधार पर अज्ञात यूजर्स के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है और जल्द ही आरोपी की गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि इस वीडियो के जरिए बवाल को और भड़काने की कोशिश की गई थी, और जांच जारी है।
इस घटनाक्रम के दौरान प्रशासन ने सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रखी और इन भड़काऊ पोस्ट्स पर निगरानी जारी रखी। सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इस मामले से जुड़ी टीम द्वारा सक्रिय रूप से जांच की जा रही है। इन घटनाओं के बाद, सवाल यह उठता है कि क्या यह मामला एक व्यक्तिगत परिवारिक विवाद से बढ़कर कुछ और बन चुका है, जो सामाजिक और धार्मिक दृष्टिकोण से भी चिंताजनक हो सकता है।
संभल बवाल के बाद के घटनाक्रम और महिला के साथ हुए अत्याचार ने प्रशासन और समाज दोनों को ही चुनौती दी है। एक ओर जहां महिला न्याय की तलाश में है, वहीं दूसरी ओर प्रशासन को भी उपद्रवियों से निपटने के लिए कार्रवाई करनी है। इस समय पूरे जिले में इन घटनाओं को लेकर व्यापक चर्चा हो रही है और सभी की नजरें प्रशासन की कार्रवाई पर हैं। क्या प्रशासन इस जटिल मामले में सही कदम उठाएगा, और क्या महिला को न्याय मिलेगा? यह सवाल अब सभी के मन में हैं, और इनका जवाब जल्द ही सामने आ सकता है।
संभल में घटित इन घटनाओं ने एक बार फिर से समाज में महिलाओं के अधिकार, घरेलू हिंसा और धार्मिक विवादों पर गहरी चर्चा शुरू कर दी है, और यह देखना बाकी है कि इन मामलों के परिणाम समाज और राजनीति पर क्या असर डालते हैं।