अमित शाह का बड़ा ऐलान: भारत जल्द ही बनाएगा व्यापक एंटी-ड्रोन यूनिट, ड्रोन के खतरे से निपटने के लिए हो रहे हैं कड़े कदम

जोधपुर में बीएसएफ के 60वें स्थापना दिवस के अवसर पर गृहमंत्री अमित शाह ने महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए जल्द ही एक व्यापक एंटी-ड्रोन इकाई बनाएगा। आगामी दिनों में मानव रहित हवाई वाहनों (ड्रोन) से खतरे के बढ़ने की आशंका को देखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है। जोधपुर के एक प्रशिक्षण शिविर में जवानों को संबोधित करते हुए शाह ने बताया कि लेजर युक्त ड्रोन रोधी गन-माउंटेड तंत्र के शुरुआती परिणाम उत्साहजनक रहे हैं। पंजाब में ड्रोन से जुड़े मामलों में 3 प्रतिशत से 55 प्रतिशत तक की वृद्धि देखी गई है, जो यह दर्शाता है कि इस तकनीकी उपाय से ड्रोन के खिलाफ सफल कार्रवाई हो रही है।

गृहमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान से लगती भारत की सीमा पर ड्रोन का खतरा और भी गंभीर हो सकता है, और इसी कारण से रक्षा और अनुसंधान संगठनों, डीआरडीओ के साथ मिलकर इस मुद्दे पर काम किया जा रहा है। वह यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि आने वाले समय में भारत में एक समग्र एंटी-ड्रोन यूनिट स्थापित की जाए, जो ड्रोन के खतरों से पूरी तरह से निपट सके।

पाकिस्तान सीमा से ड्रोन की बढ़ती घुसपैठ: 260 से अधिक ड्रोन गिराए गए या बरामद किए गए

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में पाकिस्तान से सटी भारत की सीमा से 260 से अधिक ड्रोन गिराए गए या बरामद किए गए। जबकि 2023 में यह संख्या लगभग 110 थी। इन ड्रोन के जरिए अधिकतर हथियार और नशीले पदार्थों की तस्करी की घटनाएं सामने आई हैं, खासकर पंजाब में। हालांकि राजस्थान और जम्मू में ऐसे मामलों की संख्या काफी कम रही है। गृहमंत्री ने इस संदर्भ में कहा कि ड्रोन के खतरे से निपटने के लिए पूरे देश में और विशेषकर सीमा क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की निगरानी और प्रतिक्रिया क्षमता को और मजबूत किया जा रहा है।

भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश सीमा पर एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (CIBMS) पर जोर

अमित शाह ने कहा कि भारत की सीमा सुरक्षा को बढ़ाने के लिए भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश सीमा पर एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (CIBMS) पर काम जारी है। उन्होंने बताया कि असम के धुबरी क्षेत्र में इस प्रणाली से सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं, हालांकि कुछ सुधार की आवश्यकता है। इस प्रणाली के माध्यम से सीमा पर निगरानी, डेटा संग्रहण और सुरक्षा उपायों को सुदृढ़ किया जा रहा है। शाह ने यह भी कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है, और इसे पूरे देश में लागू करने की योजना है।

वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम: सीमांत गांवों में होगा बुनियादी ढांचे का सुधार

गृहमंत्री अमित शाह ने मोदी सरकार की ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ का भी उल्लेख किया, जिसके तहत उत्तरी सीमावर्ती गांवों में कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं में सुधार लाया जा रहा है। शाह ने कहा कि यह कार्यक्रम भारत के सभी सीमांत गांवों में लागू किया जाएगा, जिससे वहां से पलायन रुक सकेगा और गांवों का समग्र विकास हो सकेगा। सरकार ने इस योजना के तहत 48,000 करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया है, जो इन दूरदराज के क्षेत्रों के विकास में मदद करेगा। यह योजना लगभग 3,000 गांवों में पहले से प्रयोगात्मक आधार पर चल रही है, और आने वाले समय में इसे और भी विस्तार दिया जाएगा।

गृहमंत्री ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने भारत की सीमाओं पर बाड़ लगाने, सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए भी बड़ा बजट मंजूर किया है, ताकि सुरक्षा को और बेहतर बनाया जा सके।

भारत की सीमाओं की सुरक्षा में अहम बदलाव, बड़े कदम उठाए जा रहे हैं: अमित शाह

इस समारोह के दौरान अमित शाह ने स्पष्ट किया कि मोदी सरकार भारत की सीमाओं की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है, और इसके लिए व्यापक योजनाओं पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में ड्रोन रोधी तकनीक, एकीकृत सीमा प्रबंधन और सीमांत गांवों के विकास की दिशा में और भी ठोस कदम उठाए जाएंगे।

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