भारत आज बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 69वीं पुण्यतिथि के रूप में महापरिनिर्वाण दिवस मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस पार्टी समेत विभिन्न नेताओं और संगठनों ने संविधान निर्माता को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा साहेब को याद करते हुए ट्वीट किया, “महापरिनिर्वाण दिवस पर हम संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रतीक डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को नमन करते हैं। समानता और मानवीय गरिमा के लिए डॉ. अंबेडकर का अथक संघर्ष पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।”
पीएम मोदी ने कहा कि यह दिन हमें बाबा साहेब के सपनों को साकार करने की प्रतिबद्धता को दोहराने का अवसर देता है। अपने ट्वीट के साथ उन्होंने इस साल की शुरुआत में मुंबई स्थित चैत्य भूमि की यात्रा की एक तस्वीर भी साझा की। उन्होंने अपनी श्रद्धांजलि के अंत में “जय भीम” का नारा दिया।
कांग्रेस पार्टी ने भी इस अवसर पर बाबा साहेब को नमन करते हुए ट्वीट किया, “भारतीय संविधान के जनक और सामाजिक न्याय के प्रतीक बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की पुण्यतिथि पर कोटिशः नमन। उनके आदर्श और विचार युगों-युगों तक हमें न्याय की राह पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहेंगे।”
डॉ. भीमराव अंबेडकर भारतीय संविधान के निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रेरणास्रोत माने जाते हैं। उनका जीवन और संघर्ष सामाजिक समानता, दलितों के अधिकारों और सभी वर्गों के लिए न्याय की प्राप्ति के लिए समर्पित था।
मुंबई स्थित चैत्य भूमि पर हर साल इस दिन विशेष श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। लाखों अनुयायी यहां एकत्र होकर बाबा साहेब के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं।
डॉ. अंबेडकर के विचार और उनके संघर्ष आज भी भारतीय समाज को प्रेरित करते हैं। उनके द्वारा लिखित संविधान ने भारत को एक मजबूत लोकतंत्र बनाने में अहम भूमिका निभाई। उनकी पुण्यतिथि के मौके पर पूरा देश उनके योगदान को नमन कर रहा है।
महापरिनिर्वाण दिवस केवल एक श्रद्धांजलि का अवसर नहीं है, बल्कि उनके विचारों और आदर्शों को अपनाकर एक समतामूलक समाज के निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहरानेका दिन भी है।