हेमंत सोरेन के कैबिनेट में बड़ा फेरबदल, आदिवासी, दलित और ओबीसी समुदाय को मिली अहम जगह, झारखंड की राजनीति में नई दिशा

मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के सिर्फ पांच दिन बाद, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने कैबिनेट का गठन कर लिया है। इस बार का कैबिनेट गठन राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इसमें आदिवासी, दलित और ओबीसी समुदायों को अहम स्थान दिया गया है। सोरेन की यह कैबिनेट गठबंधन के सामूहिक सहयोग का प्रतीक बनकर उभरी है, जिसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेताओं को जगह दी गई है।

कैबिनेट में कुल 5 मंत्री झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) से, 4 कांग्रेस से और 1 आरजेडी से बनाए गए हैं। जेएमएम कोटे से दीपक बिरुआ, रामदास सोरेन, चमरा लिंडा, योगेंद्र महतो, हफीजुल अंसारी और सुदिव्य सोनू का नाम राजभवन भेजा गया है। कांग्रेस कोटे से इरफान अंसारी, दीपिका पांडे, शिल्पी नेहा तिर्की और राधाकृष्ण किशोर मंत्री बनाए गए हैं। आरजेडी ने गोड्डा के विधायक संजय प्रसाद यादव पर भरोसा जताया है।

राजनीतिक संतुलन साधते हुए की गई कैबिनेट की नियुक्तियां

कैबिनेट में झारखंड के विभिन्न हिस्सों से नेताओं को शामिल किया गया है, जिससे राज्य के विभिन्न इलाकों को समान प्रतिनिधित्व मिला है। मुख्यमंत्री सोरेन खुद संथाल परगना से आते हैं, और उनकी कैबिनेट में 5 मंत्री संथाल परगना से बनाए गए हैं, जिसमें दीपिका पांडे, इरफान अंसारी, हफीजुल हसन और संजय प्रसाद का नाम प्रमुख हैं। संथाल परगना विधानसभा की कुल 18 सीटों में से 17 पर इंडिया गठबंधन ने जीत हासिल की है, जिससे इस क्षेत्र को कैबिनेट में प्रमुख स्थान मिला है।

इसके अलावा, कोल्हान से दीपक बिरुआ और रामदास सोरेन को शामिल किया गया है, पलामू से राधाकृष्ण किशोर को जगह मिली है, जबकि दक्षिण छोटानागपुर से शिल्पी नेहा तिर्की और चमरा लिंडा को शामिल किया गया है। उत्तरी छोटानागपुर से गोमियो विधायक योगेंद्र महतो और गिरिडीह के विधायक सुदिव्य सोनू को भी मंत्री बनाया गया है। इस तरह से, हेमंत सोरेन ने अपनी कैबिनेट में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों का संतुलित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया है।

समाज के विभिन्न वर्गों को प्रतिनिधित्व देने की पहल

हेमंत सोरेन ने अपनी कैबिनेट में आदिवासी, दलित और ओबीसी समुदायों को प्राथमिकता दी है। कैबिनेट में 5 आदिवासी नेताओं को जगह मिली है, जिनमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शिल्पी नेहा तिर्की, चमरा लिंडा, दीपक बिरुआ और रामदास सोरेन शामिल हैं। इसके अलावा, कुड़मी समुदाय से योगेंद्र महतो को शामिल किया गया है, जबकि दलित समुदाय से राधाकृष्ण किशोर को मंत्री बनाया गया है। अल्पसंख्यक समुदाय से इरफान अंसारी और हफीजुल हसन को भी जगह दी गई है।

समान्य वर्ग से दीपिका पांडे और सुदिव्य सोनू को मंत्री बनाया गया है, जिनमें दीपिका कांग्रेस से और सुदिव्य सोनू जेएमएम से हैं। इसके अलावा, यादव समुदाय से आने वाले संजय प्रसाद यादव को भी कैबिनेट में शामिल किया गया है। यह कदम झारखंड के समाज के विभिन्न वर्गों को मुख्यधारा में लाने और उनकी आवाज को सशक्त बनाने का प्रतीक है।

इतिहास में पहली बार झारखंड कैबिनेट का 12वां पद भरा गया

इस बार झारखंड कैबिनेट का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि पिछले 10 वर्षों में पहली बार प्रारंभ में ही कैबिनेट के 12वें पद को भी भर लिया गया है। यह राज्य की राजनीति में एक नई दिशा की ओर इशारा करता है, जहां राजनीति में पारदर्शिता और समावेशिता को बढ़ावा दिया जा रहा है।

हेमंत सोरेन का यह कैबिनेट गठन न केवल झारखंड के राजनीतिक परिदृश्य को नया आकार दे रहा है, बल्कि यह राज्य के विकास के लिए भी एक मजबूत कदम साबित हो सकता है।

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