बांग्लादेश में हालात बिगड़े, ममता बनर्जी की शांति सेना की मांग पर भारत सरकार पर उठे सवाल

बांग्लादेश में बिगड़ते हालात और वहां अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर भारत में गंभीर चिंताएं पैदा हो गई हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को भारत सरकार से बांग्लादेश में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना तैनात करने की अपील की है, साथ ही वहां से सताए गए भारतीय नागरिकों को वापस लाने की भी मांग की। ममता के इस बयान के बाद से इस मुद्दे पर राजनीति गरमाई हुई है, और विपक्षी दलों ने भी केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।

ममता की अपील पर कांग्रेस और तृणमूल का समर्थन

ममता बनर्जी द्वारा बांग्लादेश में शांति सेना तैनात करने की मांग के बाद तृणमूल कांग्रेस के सांसद कीर्ति आज़ाद ने इस बयान का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार से सवाल किया कि वह क्या कर रही है। उन्होंने कहा, “बांग्लादेश हमारे पड़ोसी देश हैं, और वहां के अल्पसंख्यक समुदायों, विशेषकर हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं। अगर भारत सरकार कुछ नहीं करती, तो हमारे नेता जो भी कहेंगे, वह सही है। इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र को आगे आना चाहिए।”

सुदीप बंदोपाध्याय ने उठाया गंभीर मुद्दा

लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने भी बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में हिंदुओं को बेरहमी से टॉर्चर किया जा रहा है। भारत सरकार से हमारी मांग है कि वह संयुक्त राष्ट्र से बांग्लादेश में शांति सेना भेजने की अपील करे। इस मामले पर केंद्र सरकार की चुप्पी बेहद चिंताजनक है।”

इस्कॉन संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत सरकार की चिंता

इस बीच, बांग्लादेश में इस्कॉन के पूर्व नेता और हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भी विवाद उठ गया है। उन्हें बांग्लादेश में गिरफ्तार कर लिया गया था, और उनकी जमानत याचिका पर कोर्ट ने राहत देने से इंकार कर दिया है। आज कोर्ट में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई हुई, लेकिन किसी भी वकील के पेश न होने की वजह से सुनवाई स्थगित कर दी गई। अब उनकी जमानत की अगली सुनवाई 2 जनवरी को होगी, और उन्हें अगले एक महीने तक जेल में रहना होगा।

भारत सरकार ने किया बांग्लादेश से अपील

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद भारत सरकार ने बांग्लादेश के अधिकारियों से हिंदू समुदाय के अधिकारों की सुरक्षा की अपील की है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ते हमलों पर चिंता जताई और बांग्लादेश सरकार से अपने रुख को स्पष्ट करने का आग्रह किया। भारतीय सरकार ने बांग्लादेश से यह भी कहा कि वह इन घटनाओं की जांच कर उचित कार्रवाई करे।

क्या अब बांग्लादेश में स्थिति सुधरेगी?

बांग्लादेश में जारी तनाव और अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हो रहे हमलों ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींच लिया है। बांग्लादेश सरकार के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि इन घटनाओं से देश की अंतर्राष्ट्रीय छवि पर असर पड़ सकता है। भारत ने पहले भी बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों पर कड़ी आपत्ति जताई है। अब देखना होगा कि बांग्लादेश सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और क्या भारत की अपील पर कोई असर होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *