बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार: बहराइच में जन आक्रोश, क्या होगी सरकार की प्रतिक्रिया?

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे दिल दहला देने वाले अत्याचारों के विरोध में आज बहराइच में एक बड़ा जन आक्रोश उभरा। बहराइच के गेंदघर से हिंदू रक्षा समिति के तत्वाधान में एक विशाल जन आक्रोश यात्रा निकाली गई, जो नगर के विभिन्न मार्गों से होती हुई जिला अधिकारी कार्यालय कलेक्ट्रेट पर पहुंची।

 

यहां एक ज्ञापन दिया गया जिसमें बांग्लादेश में हो रहे हिंदू विरोधी अत्याचारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई।यह यात्रा विभिन्न हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं और आम हिंदू जनमानस द्वारा एकजुट होकर आयोजित की गई थी। ज्ञापन में बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा किए जा रहे हमलों, हत्याओं, लूटपाट, आगजनी, और महिलाओं पर किए जा रहे अमानवीय अत्याचारों का कड़ा विरोध किया गया। यात्रा में शामिल लोग इस घिनौने कृत्य के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रहे थे, जो ना केवल बांग्लादेश बल्कि समस्त हिंदू समाज के लिए चिंता का विषय बन चुका है।

 

ज्ञापन में यह भी कहा गया कि बांग्लादेश सरकार और अन्य एजेंसियां इन अत्याचारों को रोकने में नाकाम रही हैं और केवल मौन दर्शक बनी हुई हैं। इसके कारण हिंदुओं को एक लक्ष्य बनाकर शारीरिक, आर्थिक, सामाजिक और धार्मिक रूप से शोषित किया जा रहा है। इसके साथ ही, शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में नेतृत्व कर रहे इस्कॉन के सन्यासी श्री चिन्मय कृष्ण दास को बांग्लादेश सरकार द्वारा कारावास भेजना एक घोर अन्यायपूर्ण कदम बताया गया।

 

ज्ञापन में माननीय राष्ट्रपति से यह अपील की गई कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को तत्काल रोका जाए और श्री चिन्मय कृष्ण दास को कारावास से मुक्त किया जाए। साथ ही, यह भी अनुरोध किया गया कि बांग्लादेश में पीड़ित हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के परिवारों, उनके व्यावसायिक और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और उनका संरक्षण किया जाए।

 

हिंदू समाज ने इस ज्ञापन के माध्यम से यह संदेश दिया कि वह बांग्लादेश में हो रहे इन अत्याचारों के खिलाफ एकजुट है और पीड़ितों के साथ खड़ा है। यात्रा के अंत में “जात-पात की करो विदाई, हम सब हिंदू भाई-भाई” के नारों के साथ सभी ने यह संकल्प लिया कि वह हर हाल में बांग्लादेश के पीड़ितों की मदद करेंगे और उनकी सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।

 

मुख्य बिंदु:

 

1. बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार: इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमले, हत्याएं, लूटपाट, आगजनी, और महिलाओं पर अमानवीय अत्याचारों की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।

2. चिन्मय कृष्ण दास का कारावास: इस्कॉन के सन्यासी श्री चिन्मय कृष्ण दास, जो शांतिपूर्ण प्रदर्शन में हिंदू समाज का नेतृत्व कर रहे थे, को बांग्लादेश सरकार द्वारा कारावास भेजा गया, जिसे अत्यंत अन्यायपूर्ण बताया गया।

3. ज्ञापन का उद्देश्य: ज्ञापन में बांग्लादेश सरकार से अपील की गई कि वह इन अत्याचारों को तुरंत रोकने के लिए ठोस कदम उठाए और श्री चिन्मय कृष्ण दास की तत्काल रिहाई की मांग की गई।

4. सुरक्षा और संरक्षण: बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के परिवारों, उनके धार्मिक और व्यावसायिक स्थलों की सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित करने की मांग की गई।

 

यह जन आक्रोश यात्रा यह स्पष्ट करती है कि बहराइच का हिंदू समाज बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ खड़ा है और पीड़ितों के साथ हरसंभव मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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