बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ नया संकट: क्या इस बार सरकार की चुप्पी के पीछे है कोई बड़ी साजिश?

बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। कुछ ही दिनों पहले, इस्कॉन के सदस्य और हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था, जिसके बाद इस्कॉन से जुड़े 17 लोगों के बैंक खातों को भी बंद कर दिया गया।

ये घटनाएँ केवल शुरुआत थीं। अब, बांग्लादेशी अधिकारियों ने एक और कदम उठाया है, जिसने पूरे हिंदू समुदाय में गहरी चिंता पैदा कर दी है। रविवार को बांग्लादेश की आव्रजन पुलिस ने इस्कॉन के दर्जनों सदस्यों को भारत में प्रवेश करने से रोक दिया। यह सभी सदस्य वैध दस्तावेज के साथ, भारतीय सीमा पर बेनापोल में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन कुछ ऐसा हुआ, जिससे सभी हैरान रह गए। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उन्हें “ऊपरी अधिकारियों से निर्देश मिले थे” कि इन यात्रियों को सीमा पार करने की अनुमति न दी जाए।

इन इस्कॉन के सदस्यों के पास वैध पासपोर्ट और वीजा थे, फिर भी उन्हें बिना किसी स्पष्ट कारण के रोका गया। बेनापोल के आव्रजन पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी इम्तियाज अहसानुल कादिर भुइयां ने खुद बताया कि वे पुलिस की विशेष शाखा से परामर्श करने के बाद इस निर्णय तक पहुंचे थे। भुइयां के मुताबिक, “हमने शीर्ष अधिकारियों से निर्देश प्राप्त किए थे, और बिना सरकार की मंजूरी के, इन यात्रियों को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती थी।”

इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि इन सभी ने, भारत में होने वाले एक धार्मिक समारोह में भाग लेने के लिए यात्रा की योजना बनाई थी। लेकिन घंटों इंतजार करने के बाद, उन्हें यह बताया गया कि उनकी यात्रा को सरकारी अनुमति की कमी के कारण अस्वीकार कर दिया गया।

इस्कॉन के सदस्य सौरभ तपंदर चेली ने कहा, “हम भारत में हो रहे एक धार्मिक समारोह में भाग लेने के लिए निकले थे। लेकिन आव्रजन अधिकारियों ने हमें सरकारी अनुमति न होने का हवाला देते हुए रोक दिया।” यह घटनाक्रम सिर्फ एक धार्मिक यात्रा से कहीं अधिक जटिल और विवादास्पद बनता जा रहा था। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय में गुस्सा बढ़ने लगा है, खासकर तब, जब कुछ ही दिन पहले हिन्दू संत चिन्मय दास को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

30 अक्टूबर को चिन्मय कृष्ण दास के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद से बांग्लादेश में हिंदू समुदाय में एक आक्रोश फैल गया था, और अब इस नई घटना ने एक नई साजिश की तरह उभर कर सामने आना शुरू कर दिया है।

क्या यह केवल एक धार्मिक यात्रा को रोकने का मामला है, या फिर इसके पीछे कोई और बड़ी साजिश छिपी हुई है? बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा और असहमति का यह ताजा कदम क्या संकेत दे रहा है? इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में स्पष्ट होंगे, लेकिन फिलहाल, बांग्लादेश में हिंदू समुदाय एक नई चुनौती का सामना कर रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *