महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के पद को लेकर सस्पेंस जारी, शिंदे ने कहा- पीएम मोदी और अमित शाह ही करेंगे फैसला

महाराष्ट्र की सियासत में मुख्यमंत्री के पद को लेकर सस्पेंस बना हुआ है, हालांकि महायुति को स्पष्ट बहुमत मिल चुका है। इसके बावजूद यह अभी तक तय नहीं हो पाया है कि राज्य की बागडोर कौन संभालेगा। महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से इस मुद्दे को लेकर हलचल तेज हो गई है, खासकर जब से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शुक्रवार को अपने गांव जाने के बाद मीडिया से बातचीत की। इससे सियासी गलियारों में यह चर्चा उठने लगी थी कि शिंदे नाराज हैं और इसलिए वह गांव गए हैं। हालांकि, शिंदे ने आज इस पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि महायुति में कोई भी मतभेद नहीं हैं और मुख्यमंत्री कौन बनेगा, यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह करेंगे।

शिंदे ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी तबियत खराब होने के कारण ही वह गांव गए थे और यह एक निजी यात्रा थी। साथ ही, उन्होंने इस बात को भी खारिज किया कि उनकी यात्रा से किसी तरह की राजनीति की सुगबुगाहट पैदा हो रही है। उन्होंने कहा कि महायुति में कोई मतभेद नहीं है और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का फैसला भाजपा के नेतृत्व में लिया जाएगा।

सियासी हलचल पर शिंदे का बयान
शिंदे ने इस मामले पर और स्पष्ट होते हुए कहा, “मेरी भूमिका को मैंने गुरुवार को ही स्पष्ट कर दी थी। महायुति में कोई भी मुख्यमंत्री बने, मैं उसका समर्थन करूंगा। हमारी सरकार का एजेंडा सिर्फ विकास का है और हमने पिछले ढाई सालों में बहुत काम किया है। लाडली बहन, लाडला भाई, और लाडले किसानों के लिए काम किया है। हमने कॉमन मैन की तरह काम किया है। भाजपा का निर्णय, शिवसेना का समर्थन है।”

शिंदे ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री पद का फैसला जल्द ही हो जाएगा, और सोमवार तक यह स्पष्ट हो जाएगा कि राज्य के अगले मुख्यमंत्री कौन होंगे। यह प्रक्रिया भाजपा के नेतृत्व में तय की जाएगी, उन्होंने इस पर जोर दिया।

गांव जाने के पीछे स्वास्थ्य कारण
शिंदे ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता में अपनी तबियत का उल्लेख करते हुए कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान अत्यधिक व्यस्त कार्यक्रम के कारण उनकी तबियत बिगड़ गई थी, और इसी वजह से वह कुछ समय के लिए गांव गए थे। उन्होंने बताया, “मैंने पिछले ढाई सालों में कभी भी छुट्टी नहीं ली। चुनावों के दौरान और बाद में लगातार लोगों से मिलकर उनके मुद्दे सुनता रहा हूं, और इसी कारण मेरी तबियत खराब हो गई।”

शिंदे ने कार्यकाल को ऐतिहासिक बताया
शिंदे ने महायुति के तीनों सहयोगी दलों के बीच बेहतरीन तालमेल की बात करते हुए कहा कि सभी दलों ने मिलकर आम लोगों के कल्याण के लिए काम किया है। उन्होंने अपनी सरकार के कार्यकाल को ऐतिहासिक बताते हुए कहा, “हमारी सरकार के कार्यों को इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। हमें ऐतिहासिक जनादेश मिला है, और विपक्ष को नेता तक चुनने का मौका नहीं मिला।”

सीएम पद पर अंतिम निर्णय का इंतजार
महाराष्ट्र की राजनीति में यह असमंजस अब बढ़ता जा रहा है, क्योंकि महायुति के अंदर से मुख्यमंत्री के चयन को लेकर विचार-विमर्श लगातार जारी है। हालांकि, शिंदे ने साफ किया है कि मुख्यमंत्री पद के लिए अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री और अमित शाह के नेतृत्व में लिया जाएगा, और उन्होंने महायुति के समन्वय को सही ठहराया है। अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि सोमवार को यह सस्पेंस आखिरकार समाप्त होगा और मुख्यमंत्री का नाम सामने आएगा।

इस बीच, शिंदे के बयान ने साफ कर दिया है कि महाराष्ट्र की राजनीति में चल रही उठापटक को लेकर कोई गलतफहमी नहीं होनी चाहिए और यह तय है कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा, यह भाजपा के नेतृत्व में ही तय होगा।

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