सीरिया में एक बार फिर से गृह युद्ध की आग भड़क उठी है। विद्रोही बलों ने सीरिया के प्रमुख वाणिज्यिक शहर अलेप्पो पर अचानक हमला कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप शहर के आधे हिस्से पर उनका कब्जा हो चुका है। इस नई हिंसा ने दुनिया को एक बार फिर चौंका दिया है, और यह सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है। संकट की स्थिति यह है कि अलेप्पो जैसे महत्वपूर्ण शहर पर विद्रोहियों का कब्जा राष्ट्रपति असद की सत्ता को कमजोर कर सकता है, और यह पूरी तरह से देश के राजनीतिक परिदृश्य को बदल सकता है।
विद्रोहियों का बड़ा हमला – क्या अलेप्पो पूरी तरह से गिर जाएगा?
अलेप्पो पर विद्रोही बलों का हमला सीरिया की वर्तमान राजनीतिक स्थिति में एक बड़ा मोड़ ला सकता है। विद्रोही समूह ने न केवल अलेप्पो बल्कि इसके आस-पास के इलाकों पर भी कब्जा करना शुरू कर दिया है, जिससे असद सरकार के नियंत्रण के लिए खतरा बढ़ गया है। अगर विद्रोही बलों ने अंदर घुसने में सफलता प्राप्त कर ली, तो यह असद शासन के लिए न केवल एक राजनीतिक बल्कि एक सैन्य संकट भी उत्पन्न कर सकता है। अलेप्पो, जिसे सीरिया की वाणिज्यिक धड़कन माना जाता था, अब विद्रोही ताकतों के हाथों में जा सकता है, और इसका असर न केवल सीरिया बल्कि समूचे मध्य-पूर्व क्षेत्र पर पड़ेगा।
हयात तहरीर अल-शाम: कौन है वह आतंकी संगठन जिसने हमला किया?
अलेप्पो पर हुए इस हमले के पीछे विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम (HTS) का हाथ बताया जा रहा है। यह संगठन पहले अल-कायदा से जुड़ा हुआ था, और अब एक अलग पहचान बना चुका है। इसके नेता अबू मोहम्मद अल-गोलानी के नेतृत्व में HTS ने कई सालों से सीरिया में आतंक फैलाने का काम किया है। इस हमले में सौ से अधिक लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है। अलेप्पो में हुए इस हमले के बाद हयात तहरीर अल-शाम की वापसी एक और गंभीर चिंता का कारण बन गई है। यह संगठन अब सीरिया में अपने प्रभाव का विस्तार करना चाहता है, जो कि सीरिया और समूचे मध्य-पूर्व के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है।
सीरिया में युद्ध की गहराती समस्या – विस्थापन की नई लहर
अलेप्पो में हमले के बाद से इस क्षेत्र में विस्थापन की स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। अंतर्राष्ट्रीय रेस्क्यू कमेटी (IRC) के अनुसार, हाल ही में करीब 7,000 परिवार अपने घरों से पलायन करने को मजबूर हुए हैं। यह विस्थापन एक बड़ी मानवीय समस्या बन चुका है, क्योंकि सीरिया के नागरिक पहले ही लंबे समय से संघर्ष और भुखमरी से जूझ रहे हैं। अब, विद्रोहियों के हमले के बाद विस्थापित लोगों की संख्या में और इजाफा हो सकता है। सीरिया के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में करीब 4 मिलियन लोग रहते हैं, जिनमें से अधिकांश पहले ही कई बार विस्थापित हो चुके हैं। खाने-पीने और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी इन लोगों की स्थिति को और अधिक विकट बना रही है।
मध्य-पूर्व की अस्थिरता में और इजाफा हो सकता है
सीरिया में हो रहे इस ताजा संघर्ष ने एक बार फिर से पूरे मध्य-पूर्व क्षेत्र को अस्थिर बना दिया है। पहले से ही इजरायल-हिजबुल्लाह, हामस, ईरान और यूक्रेन-रूस युद्धों ने इस क्षेत्र को प्रभावित किया है। अब, सीरिया में गृह युद्ध के बढ़ते खतरे से इस क्षेत्र में और भी अधिक तनाव पैदा हो सकता है। इन संघर्षों के कारण लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं और उनकी बुनियादी जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं। मध्य-पूर्व में एक नई विस्थापन लहर शुरू हो सकती है, जो पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी चिंता का कारण बन सकती है।
रूसी और ईरानी समर्थन का संकट
रूस और ईरान, जो पहले असद शासन के प्रमुख सहयोगी रहे हैं, अब अपनी सीमित सैन्य ताकत के कारण सीरिया में उतनी प्रभावी मदद नहीं कर पा रहे हैं। रूस यूक्रेन में अपने सैन्य अभियानों में व्यस्त है, जबकि ईरान भी अपनी आंतरिक और बाहरी चुनौतियों से जूझ रहा है। इस स्थिति में, सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है, लेकिन इन देशों की व्यस्तताओं के कारण उनका समर्थन अब पहले जैसा नहीं रहा है।
अलेप्पो की भविष्यवाणी – क्या असद की सरकार अब खत्म हो जाएगी?
सीरिया के वर्तमान हालात को देखकर यह सवाल उठता है कि क्या बशर अल-असद की सरकार जल्द ही खत्म हो जाएगी। अलेप्पो में विद्रोही ताकतों के हमले ने सीरिया के भविष्य को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब असद को अपने शासन को बचाने के लिए नई रणनीति अपनानी होगी, क्योंकि विद्रोही समूह पहले से अधिक ताकतवर हो गए हैं और उनके पास बाहरी सहयोग भी है। इसके अलावा, रूस और ईरान जैसे देशों से अपेक्षित मदद की संभावना भी घट गई है।
आगे क्या होगा?
सीरिया में चल रहा संघर्ष, और विशेषकर अलेप्पो में हो रहे हमले ने मध्य-पूर्व के परिदृश्य को एक बार फिर से बदल दिया है। यह सीरिया के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि राष्ट्रपति बशर अल-असद अपनी सत्ता को बचाने के लिए क्या कदम उठाते हैं और क्या इस युद्ध का अंत किसी नए मोड़ पर होगा।