विदेश मंत्रालय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस बयान की कड़ी आलोचना की है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि ऐसा लगता है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी याददाश्त कमजोर होने लगी है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने राहुल की टिप्पणी को “दुर्भाग्यपूर्ण” करार देते हुए कहा कि यह भारत और अमेरिका के बीच गहरे और सशक्त संबंधों के अनुरूप नहीं है।
रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया कि भारत और अमेरिका के बीच बहुआयामी साझेदारी है, जो वर्षों की दृढ़ता, एकजुटता, आपसी सम्मान और प्रतिबद्धता से निर्मित हुई है। उन्होंने इस प्रकार की टिप्पणियों को भारत-अमेरिका संबंधों के लिए अनुकूल नहीं बताया और कहा कि ये भारत सरकार के रुख को नहीं दर्शाती हैं।
यह विवाद तब उत्पन्न हुआ, जब राहुल गांधी ने 16 नवंबर को महाराष्ट्र के अमरावती में एक रैली के दौरान पीएम मोदी की याददाश्त पर सवाल उठाया और कहा कि ऐसा लगता है कि उनकी याददाश्त भी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन जैसी कमजोर हो गई है। इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, और अब विदेश मंत्रालय ने इस पर अपना प्रतिक्रिया व्यक्त किया है।
प्रियंका गांधी का वायनाड दौरा: राहुल गांधी के साथ जनसभा में शामिल होंगी
वहीं, कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा अपने भाई राहुल गांधी के साथ आज वायनाड का दौरा करेंगी। यह प्रियंका का वायनाड में सांसद के रूप में पहला दौरा होगा। प्रियंका गांधी ने हाल ही में वायनाड लोकसभा उपचुनाव में विशाल जीत हासिल की थी, और अब वह 2024 के लोकसभा चुनाव में अपने भाई राहुल गांधी की जीत के अंतर को और बढ़ाने का लक्ष्य रख रही हैं।
प्रियंका और राहुल गांधी की जनसभा दोपहर 12 बजे कोझिकोड जिले के थिरुवंबाडी विधानसभा क्षेत्र के मुक्कम में आयोजित होगी। इसके बाद वे नीलांबुर के करुलाई, वंदूर और एरानाड के एडवन्ना में क्रमशः 2.15 बजे, 3.30 बजे और 4.30 बजे कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। इस दौरान वे वायनाड क्षेत्र के सात विधानसभा क्षेत्रों में अपनी ताकत दिखाने की कोशिश करेंगे।
क्या राहुल गांधी की टिप्पणी और प्रियंका गांधी का दौरा राजनीतिक खिचड़ी का हिस्सा हैं?
राहुल गांधी द्वारा पीएम मोदी की याददाश्त पर उठाए गए सवाल और प्रियंका गांधी के वायनाड दौरे से ये साफ संकेत मिल रहे हैं कि कांग्रेस आगामी चुनावों में और अधिक आक्रामक रुख अपनाने वाली है। विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया के साथ-साथ, प्रियंका गांधी का यह दौरा राजनीतिक माहौल में और भी गर्मी पैदा कर सकता है।
अब देखना यह है कि क्या राहुल गांधी की विवादास्पद टिप्पणी भारत-अमेरिका संबंधों पर असर डालेगी, या यह एक राजनीतिक बयान के तौर पर सामने आएगी? साथ ही प्रियंका का वायनाड दौरा क्या कांग्रेस के लिए नया चुनावी मोड़ साबित होगा? इन सवालों के जवाब आने वाले समय में मिल सकते हैं।