केरल के वायनाड से उपचुनाव जीतने के बाद प्रियंका गांधी ने शनिवार को अपने भाई और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के साथ पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान प्रियंका ने जनसभा को संबोधित करते हुए अपनी जीत के लिए वायनाड के लोगों का आभार व्यक्त किया और अपने कार्यकाल के दौरान क्षेत्र के विकास के लिए काम करने का संकल्प लिया।
प्रियंका गांधी ने सभा में कहा, “मैं यहां आपसे सीखने आई हूं, मैं आपके मुद्दों को गहराई से समझने के लिए आई हूं। मैं जानती हूं कि यहां स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता है, बेहतर शैक्षणिक संस्थान जरूरी हैं। मैं इन सभी मुद्दों पर लड़ने और आपके साथ काम करने के लिए यहां हूं। मैं आपके घर आऊंगी, आपसे मिलूंगी और मेरे कार्यालय के दरवाजे हमेशा आपके लिए खुले रहेंगे। मैं आपको निराश नहीं करूंगी।” प्रियंका का यह बयान उनके क्षेत्र के प्रति समर्पण को स्पष्ट करता है और उनके जनसंपर्क को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
वहीं, राहुल गांधी ने भी इस मौके पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने मोदी सरकार पर तगड़ा हमला करते हुए कहा, “हम लोकसभा में एक वैचारिक लड़ाई लड़ रहे हैं, जहां हम प्रेम, संवेदनाओं और स्नेह की बात करते हैं, जबकि बीजेपी नफरत, क्रोध और हिंसा को बढ़ावा देती है। हम लोगों की समस्याओं को सुनने और उनके साथ विनम्रता से पेश आने का महत्व समझते हैं, जबकि वे अहंकार और विभाजन की राजनीति कर रहे हैं।” राहुल का यह बयान बीजेपी और उनके नेतृत्व की कार्यशैली पर सीधा सवाल उठाता है।
राहुल गांधी ने आगे कहा, “हम बीजेपी की विचारधारा को हराने में सफल होंगे। भारतीय संविधान में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सभी नागरिकों के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए। लेकिन पीएम मोदी ने वायनाड में हुई त्रासदी के बावजूद राहत प्रदान करने से इनकार कर दिया है। हालांकि, हमें लोगों का समर्थन मिला है और यही हमारा सबसे बड़ा ताकत है। हमें कोई चिंता नहीं है, क्योंकि हमारे पास जनता का विश्वास है।”
राहुल गांधी ने बीजेपी की सरकार की तमाम मशीनरी, जैसे मीडिया, खुफिया एजेंसियां, सीबीआई, ईडी, और आईटी जैसी संस्थाओं का हवाला देते हुए कहा कि इन सभी के बावजूद उनका विश्वास है कि वे बीजेपी की विचारधारा को हरा देंगे। राहुल का यह बयान बीजेपी द्वारा किए गए दमन और राजनीतिक हमलों के खिलाफ उनके संघर्ष को और मजबूत करता है।
प्रियंका और राहुल का यह दौरा न केवल वायनाड के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पूरे देश में एक नई राजनीतिक दिशा का संकेत भी हो सकता है। कांग्रेस ने अपनी लड़ाई को और तेज किया है और इसका उद्देश्य सिर्फ भाजपा को राजनीतिक रूप से चुनौती देना नहीं बल्कि भारतीय संविधान की रक्षा करते हुए जनता के मुद्दों को सही तरीके से उठाना भी है।
क्या प्रियंका और राहुल का यह संयुक्त प्रयास वायनाड में कांग्रेस को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा? या फिर बीजेपी की राजनीति और भी मजबूत होगी? यह सवाल आने वाले दिनों में कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है, लेकिन फिलहाल उनके शब्द और उनके तेवर यह बताते हैं कि वे किसी भी कीमत पर अपने संघर्ष को जारी रखने के लिए तैयार हैं।