मोहम्मदाबाद में कृष्णानंद राय की शहादत दिवस पर गहरा सस्पेंस, विधायक की पत्नी ने कहा- ‘अभी एक टहनी कटी है, जब तक जड़ नहीं कटेगा आतंकवाद का खात्मा नहीं होगा’

मोहम्मदाबाद में आज एक ऐतिहासिक और भावनात्मक शहादत दिवस का आयोजन किया गया, जहां स्वर्गीय भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की 19वीं शहादत दिवस मनाई गई। 29 नवंबर 2005 को कृष्णानंद राय और उनके छह अन्य सहयोगियों की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी, एक घटना जिसने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिया था। हत्या के मामले में मुख्तार अंसारी समेत कई लोगों के नाम सामने आए थे, लेकिन सीबीआई कोर्ट ने सभी को बरी कर दिया था। आज, इस घटना के बाद पहली बार आयोजित शहादत दिवस पर, कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय ने भावुक होते हुए कहा कि, “हत्यारा कौन था, यह सभी जानते हैं, लेकिन हमें न्याय मिला है और आगे भी मिलेगा।”

“अभी एक टहनी कटी है, जड़ जब तक नहीं कटेगी, आतंकवाद का खात्मा नहीं होगा”

इस मौके पर अलका राय ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा, “अभी एक टहनी कटी है, जब तक पूरी जड़ नहीं कटेगी, तब तक मोहम्मदाबाद में आतंकवाद का खात्मा नहीं होगा।” उनका कहना था कि इस प्रकार के अपराधों का अंत तब तक संभव नहीं जब तक उन अपराधों की जड़ें पूरी तरह से खत्म नहीं की जातीं। उन्होंने अपने शब्दों के माध्यम से साफ संदेश दिया कि जब तक सभी अपराधी और उनके समर्थक पूरी तरह से समाप्त नहीं हो जाते, तब तक शांति और सुरक्षा की स्थिति स्थापित नहीं हो सकती।

अलका राय ने इस शहादत दिवस पर एकजुटता की अपील करते हुए कहा कि, “अगर हम सभी एकजुट होकर काम करेंगे, तभी हम सुरक्षित रहेंगे और कोई भी बाहरी ताकत हमें नुकसान नहीं पहुंचा सकती।” उन्होंने अपने और अपने परिवार के संघर्ष के बारे में भी बात की और यह स्पष्ट किया कि उन्हें और उनके परिवार को अब तक न्याय मिला है, लेकिन इस लड़ाई को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए और कई कदम उठाने होंगे।

कृष्णानंद राय की हत्या: एक विवादित मामला

2005 में कृष्णानंद राय की हत्या ने प्रदेश में एक गंभीर राजनीतिक और अपराधी चेहरा सामने ला दिया था। कृष्णानंद राय भाजपा के तेज-तर्रार विधायक थे और उनकी हत्या का आरोप उस वक्त के कुख्यात अपराधी और राजनीतिक नेता मुख्तार अंसारी पर लगा था। हालांकि, अदालत ने मामले में मुख्तार अंसारी समेत कई अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था, जिससे इस मामले की जटिलता और भी बढ़ गई थी।

आज, कृष्णानंद राय की शहादत दिवस पर उनके समर्थकों और परिवार के लोग इस आशा के साथ इकट्ठा हुए कि एक दिन उनके संघर्ष को पूरी तरह से न्याय मिलेगा और अपराधियों का अंत होगा।

मोहम्मदाबाद में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश

अलका राय की अपील ने यह साफ किया कि मोहम्मदाबाद और आसपास के इलाके में आतंकवाद और अपराधियों के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा। उनका कहना था कि यह लड़ाई केवल एक परिवार या एक पार्टी की नहीं, बल्कि समग्र समाज की है। “हम सब एकजुट होंगे तो ही हम सुरक्षित रहेंगे और इस इलाके से आतंकवाद और अपराध की जड़ें समाप्त हो पाएंगी।”

इस कार्यक्रम के दौरान कृष्णानंद राय के परिवार और समर्थकों ने शहीद विधायक को श्रद्धांजलि दी और उनके संघर्ष को याद किया। इसके साथ ही, यह दिन राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, क्योंकि यह संदेश देता है कि केवल न्याय की लड़ाई नहीं, बल्कि पूरे समाज को एकजुट कर अपराध और आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होना होगा।

मोहम्मदाबाद की जमीन पर चल रही यह लड़ाई: शहादत और न्याय की यात्रा

कृष्णानंद राय की शहादत ने न केवल एक परिवार के लिए अपार दुख और संघर्ष का कारण बनी, बल्कि यह एक प्रतीक बन गई है कि जिस किसी ने भी इस कृत्य को अंजाम दिया, उनका अंत सिर्फ समय की बात है। अब यह देखना होगा कि अलका राय और उनके समर्थक इस आंदोलन को कितनी मजबूती से आगे बढ़ाते हैं और क्या इस बार मोहम्मदाबाद से आतंकवाद और अपराध की जड़ें सच्चे अर्थों में कट पाएंगी।

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