चक्रवाती तूफान फेंगल आज तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटीय इलाकों के पास पहुंचने की संभावना है, और इसके साथ ही इन क्षेत्रों में भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि फेंगल तूफान का असर उत्तरी तमिलनाडु, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश के इलाकों में अधिक होने की संभावना है। तूफान के कारण इन क्षेत्रों में जनजीवन प्रभावित हो गया है, और प्रशासन ने लोगों की सुरक्षा के लिए कई जरूरी कदम उठाए हैं।
जनजीवन पर संकट
फेंगल तूफान के प्रभाव से उत्तरी तमिलनाडु के कई हिस्सों में तेज बारिश हो रही है, जिसके कारण सड़कों पर जलभराव हो गया है और गाड़ियों को पानी में गोते खाते हुए देखा जा रहा है। चेन्नई में जलजमाव की स्थिति सामने आई है, और सामान्य यातायात बाधित हो गया है। तूफान की आहट के साथ समुद्र में लहरें भी काफी तेज हो गई हैं, और इसके कारण मरीना और मामल्लपुरम जैसे समुद्र तटों की ओर जाने के रास्ते बंद कर दिए गए हैं। प्रशासन ने इन इलाकों में लोगों को घरों में रहने की सलाह दी है, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।
आवागमन पर असर
चक्रवात फेंगल के कारण हवाई उड़ानें भी प्रभावित हो रही हैं। हालांकि, चेन्नई मेट्रो रेल सेवा सामान्य रूप से चल रही है। उधर, समुद्र में बढ़ती लहरों की वजह से नावों की आवाजाही पर भी रोक लगा दी गई है। समुद्र तटों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, और एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) और एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) की टीमों को तैनात किया गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति का सामना किया जा सके।
मुख्यमंत्री की सुरक्षा के उपायों पर चर्चा
तूफान के बढ़ते खतरे को देखते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने उच्च अधिकारियों के साथ सुरक्षा उपायों पर गंभीर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने तूफान से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले इलाकों की जानकारी ली और सुरक्षा की दृष्टि से एनडीआरएफ और राज्य की राहत टीमों को भेजने का आदेश दिया। उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंच सकें और जरूरतमंदों को मदद उपलब्ध हो सके।
इसके अतिरिक्त, सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में 2,000 राहत कैंप तैयार किए हैं, जहां लोगों को सुरक्षित ठहरने की व्यवस्था की जाएगी। सरकार ने आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 112 और 1077 जारी किए हैं, ताकि लोग किसी भी तरह की सहायता प्राप्त कर सकें।
तेज लहरों और बढ़ते खतरे के बीच तैयारियां तेज
समुद्र में लहरों का आकार बढ़ने के कारण प्रशासन ने समुद्र तटों पर आने-जाने पर पाबंदी लगा दी है। मरीना और मामल्लपुरम समेत कई तटीय इलाकों में सुरक्षा के लिहाज से पहले से ही प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। फेंगल चक्रवात के प्रभाव को देखते हुए अधिकारियों ने सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल को कड़ा कर दिया है। फिलहाल, बिजली आपूर्ति में किसी प्रकार की कटौती नहीं की जा रही है, ताकि राहत कार्यों में कोई रुकावट न हो।
क्या अब भी बढ़ेगा तूफान का असर?
चक्रवात फेंगल के और भी तीव्र होने की संभावना है और इसकी गति 70-80 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ने का अनुमान है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इस तूफान के आने से भारी बारिश और तेज हवाओं का सिलसिला जारी रहेगा, जिससे सड़कों पर और जलजमाव बढ़ सकता है। इसके साथ ही, समुद्र में तूफान के प्रभाव से लहरें और तेज हो सकती हैं, जिससे तटीय इलाकों में गंभीर नुकसान हो सकता है।
अब देखना यह है कि प्रशासन की तैयारियां और राहत कार्य कितना प्रभावी रहते हैं और फेंगल चक्रवात के बाद इन इलाकों में सामान्य जीवन कब लौटता है।