कनाडा की अदालत ने खालिस्तानी आतंकी अर्श डल्ला को 30,000 डॉलर के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है, जिससे भारत में एक बार फिर सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दे पर चिंता का माहौल बन गया है। डल्ला, जो कभी लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हिस्सा था, अब भारत के लिए एक बड़ा खतरा बन चुका है और खालिस्तान समर्थक आतंकी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल है।
जमानत मिलने के बाद 24 फरवरी 2025 को अगली सुनवाई
28 अक्टूबर 2024 को कनाडा पुलिस ने अर्श डल्ला को गिरफ्तार किया था। हालांकि, महज एक महीने के भीतर उसे जमानत मिल गई है, जिससे कई सवाल खड़े हो गए हैं। कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका स्वीकार करते हुए 30,000 डॉलर का मुचलका रखा और उसकी अगली सुनवाई 24 फरवरी 2025 को तय की गई है। इस निर्णय के बाद भारतीय एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि डल्ला का नाम आतंकवादियों के समूहों से जुड़ा हुआ है जो भारत के खिलाफ विभिन्न आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।
भारत ने 2023 में घोषित किया था आतंकी
भारत सरकार ने 2023 में अर्श डल्ला को आतंकवादी घोषित किया था। एनआईए (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) की चार्जशीट में दावा किया गया है कि डल्ला पंजाब के युवाओं को कनाडा बुलाकर आतंकी गतिविधियों में शामिल कर रहा था। इसके अलावा, पुलिस को डल्ला के पास से कई हाईटेक हथियार भी मिले थे, जो उसकी आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के संकेत देते हैं। डल्ला का पूरा नाम अर्शदीप डल्ला है और वह पंजाब के मोगा जिले का मूल निवासी है।
खालिस्तान टाइगर फोर्स का चीफ है अर्श डल्ला
अर्श डल्ला खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) का प्रमुख है, जो भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाला एक खतरनाक संगठन है। इस संगठन को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का समर्थन प्राप्त है। डल्ला ने खालिस्तान समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद KTF की कमान संभाली थी। निज्जर की हत्या के बाद से डल्ला ने संगठन के सारे फैसले लेना शुरू कर दिए हैं और भारत विरोधी आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दिया है।
भारत में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप
अर्श डल्ला का नाम कई आपराधिक मामलों में भी शामिल है। पहले वह रंगदारी वसूलने के लिए कुख्यात था, लेकिन बाद में उसने खालिस्तान टाइगर फोर्स से जुड़कर भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देना शुरू किया। 70 से अधिक आपराधिक मामलों में डल्ला का नाम सामने आया है, जिसमें हत्या, धमकी और आतंकवाद से जुड़े आरोप शामिल हैं। उसकी गतिविधियों से न केवल पंजाब, बल्कि पूरे भारत में असुरक्षा की भावना पैदा हो गई है।
भारत और कनाडा के बीच बढ़ सकता है तनाव
अर्श डल्ला की जमानत मिलने के बाद भारत और कनाडा के बीच एक और तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो सकती है। भारत ने कनाडा से कई बार अपील की है कि वह खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करे, लेकिन कनाडा की अदालतों के फैसले और असंवेदनशीलता ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को निराश किया है। भारत अब उम्मीद कर रहा है कि कनाडा जल्द ही डल्ला के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा, क्योंकि उसकी गतिविधियां भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन चुकी हैं।
आगे क्या होगा?
अर्श डल्ला की जमानत से उत्पन्न हुई स्थिति भारत के लिए नई चुनौतियां पेश कर सकती है। भारतीय एजेंसियों ने उसके खिलाफ इंटरपोल के जरिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर रखा है, लेकिन कनाडा में उसके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया धीमी चल रही है। आने वाले महीनों में जब डल्ला की अगली सुनवाई होगी, तो यह देखा जाएगा कि क्या कनाडा सरकार और उसकी न्यायपालिका भारतीय सुरक्षा की चिंता को समझते हुए डल्ला के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई करती है या नहीं।
भारत अब उम्मीद कर रहा है कि कनाडा अपनी न्यायिक प्रक्रिया के दौरान आतंकवादियों के खिलाफ कड़े कदम उठाएगा ताकि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।