समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के संभल जिले में सपा डेलिगेशन को न जाने देने के मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार पर तीखा हमला बोला है। अखिलेश यादव ने इसे योगी सरकार की नाकामी बताते हुए कहा कि अगर सरकार ने दंगा और फसाद फैलाने वालों पर पहले ही कार्रवाई की होती, तो संभल में शांति और सौहार्द का माहौल बिगड़ने से बच सकता था।
अखिलेश ने कहा, “बीजेपी सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन में असफलता का यह उदाहरण है। अगर सरकार दंगाइयों और उन्मादी नारों को लगाने वालों पर पहले ही प्रतिबंध लगाती, तो संभल में ये हिंसा नहीं होती।” साथ ही, उन्होंने बीजेपी सरकार से यह भी कहा कि जैसा पार्टी अपनी कैबिनेट के मंत्रियों को बदल देती है, वैसे ही संभल के प्रशासनिक अधिकारियों को सजा देनी चाहिए, जिनकी लापरवाही से हिंसा भड़की।
सपा डेलिगेशन को संभल जाने से रोका गया
अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा का प्रतिनिधिमंडल आज संभल जाने वाला था, लेकिन पुलिस ने उन्हें जाने से रोक दिया। प्रशासन ने वहां धारा 163 लागू कर दी थी और सपा नेता माता प्रसाद की गाड़ी को पुलिस ने घेर लिया। इससे सपा नेताओं में गुस्सा फैल गया, और वे प्रशासन के इस कदम को लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए इसे बर्दाश्त नहीं करने की बात करने लगे।
माता प्रसाद ने अपने बयान में कहा, “हम किसी को भड़काने नहीं जा रहे थे, बल्कि हम मृतकों के परिजनों से मिलकर स्थिति की सच्चाई जानने जा रहे थे। अगर मीडिया वहां जा सकती है, तो हम क्यों नहीं?” उन्होंने कहा कि यह उनका मौलिक अधिकार है कि वे कहीं भी जा सकते हैं और प्रशासन का यह कदम पूरी तरह से अवैध था।
24 नवंबर को हुई हिंसा
संभल में 24 नवंबर को हुई हिंसा ने जिले में तनाव की स्थिति पैदा कर दी थी। इस हिंसा में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प में चार लोगों की मौत हो गई थी और 25 से अधिक लोग घायल हो गए थे। मामला तब और बढ़ गया जब अदालत के आदेश पर 19 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान विवाद उत्पन्न हुआ। अदालत ने दावा किया था कि मस्जिद जिस जगह पर स्थित है, वहां पहले हरिहर मंदिर था। इस आदेश के बाद मस्जिद का दोबारा सर्वेक्षण किया गया, जो हिंसा का कारण बना।
इस समय संभल जिले में निषेधाज्ञा लागू की गई है, और बाहरी लोगों के प्रवेश पर 30 नवंबर तक प्रतिबंध है। अखिलेश यादव ने इस घटनाक्रम को लेकर योगी सरकार को घेरते हुए कहा कि इस पूरे मामले में प्रशासन की लापरवाही और नाकामी साफ तौर पर नजर आ रही है।
अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया
अखिलेश यादव ने कहा कि यदि राज्य सरकार ने सही तरीके से कार्रवाई की होती और इस प्रकार की घटनाओं को पहले ही रोका होता, तो स्थिति इतनी गंभीर नहीं होती। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार अब हार चुकी है और आगामी चुनावों में इसका जवाब जनता उन्हें जरूर देगी।
समाजवादी पार्टी का यह कदम और अखिलेश यादव का बयान राज्य की राजनीति में नई हलचल मचा सकते हैं, खासकर तब जब बीजेपी और सपा के बीच चुनावी संघर्ष और भी तीव्र होने वाला है।