फिलीपींस में राजनीतिक संकट और उपराष्ट्रपति सारा दुतेर्ते के खिलाफ महाभियोग की बढ़ती मांग, राष्ट्रपति मार्कोस ने दी हैरान करने वाली प्रतिक्रिया

फिलीपींस में राजनीतिक माहौल दिन-ब-दिन और भी तनावपूर्ण हो रहा है, जहां पूर्व राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते की बेटी और उपराष्ट्रपति सारा दुतेर्ते के बीच दो शक्तिशाली राजनीतिक परिवारों के बीच मची खींचतान ने नया मोड़ ले लिया है। हाल ही में उपराष्ट्रपति दुतेर्ते के एक विवादास्पद बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। दुतेर्ते ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि अगर उनकी हत्या हो जाती है, तो वह किसी को निर्देश दे चुकी हैं कि राष्ट्रपति, उनकी पत्नी और स्पीकर की हत्या भी कर दी जाए। इस बयान के बाद से ही वह आलोचनाओं का सामना कर रही हैं और उनके खिलाफ महाभियोग की शिकायत दायर करने की योजनाएं बन रही हैं।

महाभियोग की शिकायत: क्या सारा दुतेर्ते संकट में हैं?

उपराष्ट्रपति सारा दुतेर्ते के खिलाफ महाभियोग की शिकायत दर्ज करने की योजना फिलीपींस में कई संगठनों द्वारा बनाई जा रही है। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम पर फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर का दृष्टिकोण अब तक काफी चौंकाने वाला रहा है। राष्ट्रपति मार्कोस ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उपराष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया संसद के समय की बर्बादी होगी और इससे फिलीपींस के किसी भी नागरिक के जीवन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

उन्होंने कहा, “यह सब बेकार का हंगामा है और इसमें समय बर्बाद करना फिलीपींस के नागरिकों के लिए नासमझी होगी।” राष्ट्रपति मार्कोस का यह बयान इस बात को दर्शाता है कि वह इस विवाद को ज्यादा तवज्जो देने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने महाभियोग को भी “महत्वपूर्ण नहीं” करार दिया और यह भी कहा कि इस मामले में और कोई जरूरी कार्यवाही नहीं की जानी चाहिए।

दुतेर्ते के बयान का पेंच: धमकी या राजनीतिक बयान?

सारा दुतेर्ते का बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर उन्हें जानबूझकर मारा गया, तो वह राष्ट्रपति, उनकी पत्नी और स्पीकर को भी निशाना बनाए जाने की बात कर रही थीं, फिलीपींस के राजनीतिक गलियारों में विवाद का कारण बना हुआ है। यह बयान सीधा तौर पर राष्ट्रपति और उनके परिवार की सुरक्षा पर सवाल उठाता है, साथ ही यह भी दर्शाता है कि फिलीपींस के भीतर राजनीतिक ध्रुवीकरण किस हद तक बढ़ चुका है।

दुतेर्ते के समर्थकों का कहना है कि उनका बयान केवल एक राजनीतिक बयान था और इसे गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए, जबकि आलोचकों का कहना है कि यह एक खतरनाक धमकी है जो देश की स्थिरता के लिए खतरे का संकेत हो सकती है।

राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के बीच बढ़ता विवाद: क्या यह देश के लिए चिंता का विषय है?

राष्ट्रपति मार्कोस और उपराष्ट्रपति सारा दुतेर्ते के बीच बढ़ते राजनीतिक तनाव और विवाद फिलीपींस में आंतरिक संकट को और गहरा कर सकते हैं। दोनों नेताओं के बीच इस समय स्पष्ट सामंजस्य की कमी है, जो फिलीपींस की राजनीति में एक नई चुनौतियों को जन्म दे रहा है। हालांकि राष्ट्रपति मार्कोस इस मामले को एक “हंगामा” मानते हैं, लेकिन इस प्रकार के विवादों से न केवल फिलीपींस की राजनीति प्रभावित होती है, बल्कि यह देश की अंतर्राष्ट्रीय छवि और सुरक्षा स्थिति को भी कमजोर कर सकता है।

चीन के साथ बढ़ता तनाव: क्या फिलीपींस को और अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है?

फिलीपींस और चीन के बीच संबंधों में भी लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है। दक्षिण चीन सागर को लेकर दोनों देशों के बीच कई बार टकराव हो चुका है, और हाल ही में अगस्त के आखिरी सप्ताह में दोनों देशों के जहाजों के बीच टकराव ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया था। इसके अलावा, चीन ने फिलीपींस और जापान में अमेरिकी सैन्य ठिकानों की स्थापना को लेकर भी ऐतराज जताया है। इन सब घटनाओं के बीच फिलीपींस की आंतरिक राजनीतिक लड़ाई देश की सुरक्षा और विदेशी नीति को प्रभावित कर सकती है।

अंतिम शब्द: फिलीपींस में क्या होगा अगला कदम?

फिलीपींस में इन सब घटनाओं के बीच यह सवाल उठता है कि क्या उपराष्ट्रपति सारा दुतेर्ते के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया तेज होगी और क्या राष्ट्रपति मार्कोस इस संकट से उबरने में सक्षम होंगे। इसके अलावा, चीन के साथ बढ़ते तनाव और घरेलू राजनीतिक संकट को लेकर फिलीपींस की सरकार किस दिशा में आगे बढ़ेगी, यह देखना अभी बाकी है। फिलीपींस के राजनीतिक परिदृश्य में इस समय संकट की स्थिति बनी हुई है और इसके संभावित परिणामों से पूरे क्षेत्र की स्थिरता पर असर पड़ सकता है।

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