महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के कई दिन बाद भी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के नामों पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, जिससे सियासी हलचल तेज हो गई है। इस बीच, शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने उपमुख्यमंत्री के मुद्दे पर मीडिया से बातचीत में कहा कि अगर एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री बनने के लिए सहमत नहीं होते हैं, तो पार्टी कोई और रास्ता निकालेगी। उन्होंने यह भी साफ किया कि इस पद को पार्टी के किसी और सदस्य को सौंपा जा सकता है।
शिरसाट ने यह भी कहा कि शिंदे केंद्रीय मंत्री बनने के लिए तैयार नहीं हैं और वह महाराष्ट्र में ही रहकर राजनीति करेंगे। उन्होंने यह बयान उस वक्त दिया जब मीडिया में यह चर्चा थी कि शिंदे को उपमुख्यमंत्री पद सौंपा जाएगा, खासतौर से उनके बीजेपी समर्थन वाले बयान के बाद। शिंदे ने पहले यह कहा था कि वह बीजेपी के नेतृत्व के फैसले का समर्थन करेंगे और मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा में कोई आपत्ति नहीं करेंगे।
महायुति के शानदार प्रदर्शन के बाद, जिसमें गठबंधन ने 288 में से 232 सीटों पर जीत हासिल की, यह उम्मीद जताई जा रही थी कि शिंदे को उपमुख्यमंत्री के रूप में प्रमोट किया जाएगा। हालांकि, शिरसाट ने इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट की और कहा कि शिंदे इस पद को स्वीकार नहीं करेंगे। उनका यह बयान चुनावी राजनीति में ताजातरीन मोड़ को दर्शाता है, जहां शिंदे के साथ-साथ शिवसेना और बीजेपी के रणनीतिक निर्णय पर अनिश्चितता बनी हुई है।
वहीं, शिरसाट ने यह भी उल्लेख किया कि अगर शिंदे उपमुख्यमंत्री पद स्वीकार नहीं करते, तो पार्टी इस पद के लिए किसी और नेता को मौका दे सकती है। इस संबंध में, देसाई का बयान भी महत्वपूर्ण रहा, जिन्होंने शिंदे के विशाल प्रशासनिक अनुभव को देखते हुए कहा कि शिंदे को महाराष्ट्र की अगली सरकार का हिस्सा होना चाहिए।
इस वक्त महाराष्ट्र में उपमुख्यमंत्री के पद को लेकर स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं है, और राजनीतिक गलियारों में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर कौन इस महत्वपूर्ण पद पर काबिज होगा।