कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हाल ही में पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को संबोधित करते हुए, आगामी चुनावों की तैयारियों के साथ-साथ संगठन की मजबूती और रणनीतियों पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों के नतीजों से सबक लेने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि पार्टी को अपनी जमीनी स्तर तक की संरचना को मजबूत करना होगा, ताकि भविष्य में बेहतर प्रदर्शन किया जा सके।
2024 लोकसभा चुनावों के लिए तैयारी की कड़ी चेतावनी
खरगे ने कहा कि कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनावों में सफलता हासिल करने के बाद तीन राज्यों के चुनावों में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया। उन्होंने बताया कि कई राज्यों में राजनीतिक माहौल पार्टी के पक्ष में था, लेकिन इसके बावजूद चुनाव परिणाम उम्मीद से कम रहे। इस पर उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं से संगठन को मज़बूत करने की अपील की, ताकि आने वाले समय में बेहतर प्रदर्शन किया जा सके।
पार्टी में एकता और अनुशासन की अपील
कांग्रेस अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं को आपसी एकता और अनुशासन की अहमियत समझाते हुए कहा कि आपसी मतभेद और बयानबाजी पार्टी की ताकत को कमजोर करती है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस की जीत में सबकी जीत है और हार में सबकी हार, पार्टी की ताकत ही हमारी ताकत है।” खरगे ने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे किसी भी हाल में पार्टी में एकजुट रहें और आंतरिक अनुशासन बनाए रखें। उनका कहना था कि एकजुटता ही पार्टी की सफलता का रास्ता है।
स्थानीय मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता
खरगे ने यह भी स्पष्ट किया कि केवल राष्ट्रीय मुद्दों और बड़े नेताओं के सहारे राज्यों के चुनाव नहीं जीते जा सकते। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि उन्हें हर राज्य के स्थानीय मुद्दों को बारीकी से समझना होगा और उसी के अनुसार रणनीति बनानी होगी। बेरोजगारी, महंगाई, आर्थिक असमानता और जाति जनगणना जैसे मुद्दों को भी प्राथमिकता देने की बात उन्होंने की। इन मुद्दों पर पार्टी को फोकस करने की आवश्यकता जताते हुए खरगे ने कार्यकर्ताओं को ठोस योजनाओं के साथ आगे बढ़ने का संदेश दिया।
चुनावी रणनीति में सुधार की आवश्यकता
खरगे ने चुनावी प्रबंधन में सुधार की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सिर्फ माहौल बनाने से काम नहीं चलेगा, बल्कि उसे परिणामों में बदलना सीखना होगा। उन्होंने बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने, मतदाता सूचियों की जांच करने और चुनावी प्रक्रिया के हर पहलू पर मुस्तैदी से काम करने की सलाह दी। खरगे का मानना था कि चुनावी रणनीति कम से कम एक साल पहले शुरू होनी चाहिए और प्रचार के साथ-साथ माइक्रो-कम्युनिकेशन पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।
बीजेपी पर कड़ा हमला और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने का संकल्प
बैठक में खरगे ने बीजेपी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि फासिस्ट ताकतें देश में अपनी जड़ें गहरी कर रही हैं और राज्य की संस्थाओं पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि विभाजनकारी ताकतों को हराना और देश में भाईचारे, अमन-चैन और विकास की वापसी सुनिश्चित करना कांग्रेस की जिम्मेदारी है।
हार से निराश होने की बजाय, पुनर्निर्माण का समय
खरगे ने पार्टी कार्यकर्ताओं को हताश होने से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि बार-बार हार से निराश होने की आवश्यकता नहीं है। इसके बजाय, हर हार से कुछ नया सिखकर और नए संकल्प के साथ आगे बढ़ना चाहिए। उनका कहना था, “हमने पहले भी चुनौतियों का सामना किया है और विजय पाई है। हमें समय के साथ बदलाव लाकर मौजूदा चुनौतियों पर भी विजय पानी होगी।”
खरगे का यह संदेश कांग्रेस के लिए एक अहम मोड़ का संकेत है। पार्टी में एकजुटता, अनुशासन और रणनीति की दिशा में सुधार की आवश्यकता को देखते हुए, यह अब कार्यकर्ताओं पर निर्भर करेगा कि वे आगामी चुनावों के लिए अपनी भूमिका को समझते हुए उसे प्रभावी तरीके से लागू करें।