झारखंड के संथाल इलाके में बांग्लादेशी घुसपैठ की रोकथाम और जांच को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने 3 दिसंबर को इस मामले में अगली सुनवाई का आदेश दिया है। यह मामला उस वक्त गर्मा गया जब संथाल के 6 जिलों में घुसपैठ की जांच को लेकर जिला कलेक्टर (डीसी) ने इनकार किया, जबकि राज्य सरकार ने इसे गंभीर मुद्दा बताया था।
झारखंड सरकार और हाई कोर्ट के आदेश के बीच विवाद
पिछले कुछ महीनों में, झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार को बांग्लादेशी घुसपैठ की जांच के लिए एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित करने का आदेश दिया था। हालांकि, झारखंड सरकार ने इस आदेश को चुनौती दी और कहा कि घुसपैठ की जांच के लिए पहले कमेटी गठित करने पर सहमति बनाई थी, लेकिन बाद में राज्य सरकार ने अपना रुख बदल लिया।
जांच में कलेक्टर का इनकार, राज्य सरकार की आपत्ति
याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में दाखिल शपथ पत्र पर आपत्ति जताई, जिसमें जिला कलेक्टर और एसपी ने संथाल के क्षेत्रों में बांग्लादेशी घुसपैठ होने की बात से इनकार किया था। हालांकि, राज्य सरकार ने इस घुसपैठ की पुष्टि करते हुए मामले की जांच के लिए विशेष कमेटी के गठन की आवश्यकता जताई थी।
फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की आवश्यकता पर जोर
राज्य सरकार ने पहले फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित करने पर सहमति जताई थी, लेकिन बाद में उस पर पीछे हटने का दावा किया गया। कोर्ट ने कहा था कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच एक बैठक होनी चाहिए, जिसमें कमेटी के गठन पर चर्चा की जाए।
सुप्रीम कोर्ट की जांच पर फोकस
अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि 3 दिसंबर को इस मामले की अगली सुनवाई होगी, जिससे इस मुद्दे की गंभीरता और जांच की दिशा को लेकर कुछ ठोस निर्णय हो सकता है।
बांग्लादेशी घुसपैठ के इस विवाद ने झारखंड और केंद्र सरकार के बीच एक नई राजनीतिक बहस को जन्म दिया है, और यह देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश और राज्य सरकार की प्रतिक्रिया इस मुद्दे को किस दिशा में ले जाती है।