दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में भड़काऊ भाषण देने के मामले में आरोपी शरजील इमाम को दिल्ली हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने इमाम की याचिका पर सुनवाई टालते हुए कहा कि निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर कोई रोक नहीं है। जज मनोज कुमार ओहरी ने स्पष्ट किया कि निचली अदालत इमाम के खिलाफ आरोप तय करने के लिए स्वतंत्र है।
कोर्ट ने कहा कि मुकदमा आगे बढ़ेगा और अगर ट्रायल कोर्ट इस नतीजे पर पहुंचता है कि पर्याप्त सामग्री है, तो आरोप तय किए जाएंगे। इमाम पर भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (देशद्रोह) और 153ए (नफरत फैलाने वाले भाषण) के तहत केस दर्ज है।
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को शरजील इमाम की जमानत याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट को निर्देश दिया कि वह जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई करे।
शरजील इमाम को जनवरी 2020 में बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया था। उस पर जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। दिल्ली में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में 53 लोगों की मौत हुई थी, और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस पूरे मामले ने राजनीतिक विवाद को भी जन्म दिया है।