बिहार के कटिहार में एक हाई-प्रोफाइल अपहरण मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने 15 लाख रुपये की फिरौती मांगने के लिए मेघालय के एक व्यक्ति का अपहरण किया था। इस ऑपरेशन में तमिलनाडु से एक आरोपी और कटिहार से दो आरोपियों को पकड़ा गया है, जबकि मुख्य सरगना, जो भागलपुर का निवासी है, अभी भी फरार है। पुलिस उसके खिलाफ छापेमारी कर रही है।
घटना का पूरा विवरण
कटिहार के एसपी वैभव शर्मा ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि पोठिया थाना पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि पूर्णिया होते हुए पोठिया और कुर्सेला में मणिपुर के राज सिंह मजाओ और उनके ड्राइवर को किसी अज्ञात व्यक्ति ने धोखे से सुनसान जगह पर ले जाकर अपहरण कर लिया है। अपहरणकर्ताओं ने फिरौती के रूप में 15 लाख रुपये मांगे थे।
कैसे हुआ खुलासा?
जांच के दौरान, पुलिस को पता चला कि कटिहार के गौतम कुमार मिश्रा, विजय कुमार मंडल, और तमिलनाडु के सैयद अली जॉन ने मिलकर राज सिंह मजाओ को विश्वास दिलाने का प्रयास किया था कि उनके पास बैंड किए गए 2000 रुपये के नोटों का एक बड़ा स्टॉक है, जिसे 31 दिसंबर तक आरबीआई में बदलने का वादा किया गया था। आरोपियों ने इसके लिए राज सिंह को कुछ फर्जी कागजात भी दिखाए थे ताकि उनके झांसे को और मजबूत किया जा सके।
फिरौती की मांग
तीनों आरोपियों ने राज सिंह को आश्वासन दिया कि यदि नोट बदलने में सफलता मिलती है, तो सभी को अच्छा मुनाफा होगा, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा राज सिंह को भी दिया जाएगा। इस लेन-देन की जानकारी कटिहार पुलिस को मिल गई, जिसके बाद पुलिस ने समय पर कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनके पास से एक देसी कट्टा और जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं।
गिरोह की पहचान
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह एक अंतरराज्यीय नेटवर्क का हिस्सा है, जिसका विस्तार देश के विभिन्न राज्यों में है। एसपी वैभव शर्मा ने कहा कि आगे की जांच के दौरान पुलिस इस गिरोह के अन्य सदस्यों और उनके संचालन के तरीकों का पता लगाने का प्रयास करेगी।
इस मामले ने कटिहार पुलिस को एक महत्वपूर्ण सफलता दिलाई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पुलिस ने न केवल अपहरण की घटना को समय रहते रोक लिया, बल्कि एक बड़े अंतरराज्यीय अपराध के नेटवर्क को भी उजागर किया है। यह घटना यह दर्शाती है कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से तैयार है।