उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में करहल विधानसभा उपचुनाव की राजनीतिक हलचल बढ़ गई है, जहां सपा प्रमुख अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद खाली हुई सीट पर मुलायम परिवार के दो सियासी धुरंधरों का आमना-सामना हो रहा है। सपा से तेज प्रताप यादव और बीजेपी से अनुजेश प्रताप यादव के बीच की लड़ाई ने करहल के सियासी समीकरण को उलझा दिया है।
सपा के तेज प्रताप यादव, जो मुलायम सिंह यादव के पोते और लालू यादव के दामाद हैं, चुनावी मैदान में हैं। वहीं, बीजेपी के अनुजेश प्रताप यादव, जो मुलायम सिंह के दामाद और सपा सांसद धर्मेंद्र यादव के सगे बहनोई हैं, ने चुनौती दी है। इस सीट को लेकर सियासी भूचाल मचने की संभावना है, खासकर जब पिछले उपचुनावों में सपा को लगातार हार का सामना करना पड़ा है।
2022 में करहल से विधायक बने अखिलेश यादव ने कन्नौज से सांसद बनने के बाद इस सीट से इस्तीफा दिया था, और उपचुनावों में उनकी सीटों पर हार का इतिहास सपा के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। करहल सीट यादव बहुल मानी जाती है, और यदि यादव वोटों में बिखराव हुआ, तो सपा के लिए जीत पाना मुश्किल हो जाएगा।
इस चुनाव में सपा की चुनौती यह है कि वे यादव और मुस्लिम वोटरों को अपने पक्ष में बनाए रखें, जबकि बीजेपी सवर्ण और शाक्य समुदाय के मतदाताओं को जोड़ने की कोशिश कर रही है। ऐसे में करहल उपचुनाव का मुकाबला काफी कड़ा और दिलचस्प होने की उम्मीद है।