जाति जनगणना को लेकर कांग्रेस का बीजेपी पर हमला, क्या 2025 से शुरू होने वाली जनगणना से होगा बड़ा बदलाव?

केंद्र सरकार द्वारा अगले साल से जनगणना शुरू करने की घोषणा के बाद कांग्रेस पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर तीखा हमला बोलना शुरू कर दिया है। सरकारी सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, यह जनगणना 2025 से शुरू होकर 2026 तक चलेगी। कांग्रेस के दिग्गज नेता जयराम रमेश ने इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी बात रखी और केंद्र सरकार से कई महत्वपूर्ण सवाल किए।

जयराम रमेश ने कहा, “जाति जनगणना कराना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है,” और यह भी जोड़ा कि रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त के कार्यकाल के एक्सटेंशन की अधिसूचना जारी की गई है। इसका मतलब यह है कि 2021 में होने वाली जनगणना, जो कि लंबे समय से टल रही थी, अब जल्द ही होगी।

जाति जनगणना पर कांग्रेस के सवाल

रमेश ने स्पष्ट किया कि जनगणना से जुड़े दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर अभी भी कोई स्पष्टता नहीं है। उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल पूछे:
1. “1951 से हर जनगणना में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की गणना होती आई है, लेकिन क्या इस नई जनगणना में सभी जातियों की विस्तृत गणना शामिल होगी?”
2. “क्या इस जनगणना का इस्तेमाल लोकसभा में प्रत्येक राज्य के प्रतिनिधियों की संख्या निर्धारित करने के लिए किया जाएगा, जैसा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 82 में प्रावधानित है? क्या इससे उन राज्यों को नुकसान होगा जो परिवार नियोजन में अग्रणी रहे हैं?”

इन सवालों का जवाब देने के लिए जयराम रमेश ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है, ताकि सभी राजनीतिक दल इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर विचार कर सकें।

कांग्रेस की वकालत और बीजेपी पर आरोप

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जाति जनगणना की लगातार वकालत की है और कहा है कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो जाति जनगणना कराई जाएगी। इसके अलावा, कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने केंद्र सरकार के जाति जनगणना कराने से इनकार को ओबीसी समुदायों के साथ विश्वासघात करार दिया।

टैगोर ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “न्याय की मांग करने वाली आवाजों को नजरअंदाज करते हुए, सरकार हमारे लोगों को उनके प्रतिनिधित्व से वंचित कर रही है।” उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या आरएसएस, जेडीयू और टीडीपी इस मुद्दे पर लोगों के साथ खड़े होंगे या चुप रहेंगे।

राजनीतिक परिदृश्य में जाति जनगणना का मुद्दा एक बार फिर गर्म हो गया है, और इस पर सभी दलों की नजरें टिकी हुई हैं। देखना यह है कि क्या केंद्र सरकार इन सवालों का संतोषजनक उत्तर देने में सक्षम होगी या नहीं।

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