मिथुन चक्रवर्ती का बड़ा चुनावी ऐलान: एक करोड़ सदस्यों की चुनौती, ममता बनर्जी पर साधा निशाना!

भाजपा नेता और अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने रविवार को पश्चिम बंगाल में भाजपा के सदस्यता अभियान के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समक्ष एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य का ऐलान किया—एक करोड़ नए सदस्यों की भर्ती। इस दौरान उन्होंने ममता बनर्जी की सरकार पर तीखा हमला करते हुए उन्हें खुली चुनौती दी।

मिथुन ने कहा, “एक लीडर कहता है कि हम 70 फीसदी मुस्लिम हैं, 30 फीसदी हिंदू हैं। वह यह भी कहता है कि हम इन्हें काटकर भागीरथी में फेंक देंगे। हमने सोचा कि सीएम कुछ तो बोलेंगी, लेकिन वह चुप रहीं।” उन्होंने कहा कि अगर किसी ने हिंदू वोटरों को प्रभावित किया, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। “अगर वे हमारे हिंदू वोटरों को वोट नहीं देने देंगे, तो अगले साल उनके वोटर्स भी वोट नहीं दे पाएंगे,” मिथुन ने चेतावनी दी।

 भाजपा का लक्ष्य: 2026 में सत्ता

मिथुन चक्रवर्ती ने जोर देते हुए कहा कि भाजपा 2026 के विधानसभा चुनावों में सत्ता में आने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा, “मुझे एक वादा चाहिए। क्या हम 1 करोड़ सदस्य बना सकते हैं? फिर मैंने वादा किया, 2026 में हमारे पास मसनद होगी। हम इसके लिए सब कुछ कर सकते हैं।”

उन्होंने अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि वह नवंबर से महीने के 20 दिन पार्टी के लिए काम करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मार्च से वह राज्य के हर जिले में जाएंगे और गांव-गांव जाकर भाजपा की योजनाओं को समझाएंगे। “अगर हमारे पास 1 करोड़ सदस्य हैं, तो 2026 में हमारी सरकार होगी,” मिथुन ने आश्वासन दिया।

 पुरस्कार से मिली नई ऊर्जा

इस सभा में मिथुन चक्रवर्ती को हाल ही में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा ‘दादा साहब फाल्के’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने इस पुरस्कार के लिए सभी का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह उन्हें और अधिक प्रेरित करता है।

मिथुन चक्रवर्ती ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें “पैसा लेने वाला कार्यकर्ता नहीं चाहिए,” और उन्होंने अपनी स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा, “हम खून की राजनीति कर चुके हैं, हमें सब पता है।” उनकी बातें और वादे यह दर्शाते हैं कि भाजपा में उनका चुनावी प्रचार कितना गंभीर है और वे अपनी पार्टी के लिए कितने प्रतिबद्ध हैं।

 आगामी चुनौतियाँ

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मिथुन चक्रवर्ती की यह चुनावी रणनीति कितनी सफल होती है और भाजपा वास्तव में एक करोड़ सदस्य जुटा पाती है या नहीं। क्या ममता बनर्जी की सरकार इस चुनौती का सामना कर पाएगी? उत्तर प्रदेश में चल रहे चुनावी माहौल में यह सब कुछ महत्वपूर्ण बनेगा।

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