अल्हागंज थाना क्षेत्र में जलालाबाद मार्ग स्थित एक निजी अस्पताल में प्रसूता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल में छापेमारी की। यह घटना वृहस्पतिवार की रात को हुई, जब प्रसूता ने ऑपरेशन के बाद एक बेटी को जन्म दिया और उसकी तबीयत बिगड़ने पर उसकी मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, शुक्रवार को एसीएमओ और अपंजीकृत चिकित्सक नोडल अधिकारी डॉ. करन सिंह के नेतृत्व में एक टीम ने अस्पताल का दौरा किया। टीम के पहुंचने से पहले ही अस्पताल के संचालक और डॉक्टर फरार हो गए। अस्पताल में मौजूद कर्मचारियों से पूछताछ की गई और जांच के दौरान यह भी पता चला कि अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन और संचालित लैब भी उपलब्ध थी। लेकिन अस्पताल में किसी भी प्रकार की उचित चिकित्सा व्यवस्था नहीं पाई गई, जिसके चलते ऑपरेशन थ्रिटर और ऑफिस को सील कर दिया गया।
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि इस तरह के फर्जी अस्पताल शाहजहांपुर में तेजी से बढ़ रहे हैं। तहसील जलालाबाद के कई अस्पताल स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से संचालित हो रहे हैं, जहां डिग्रीधारी डॉक्टर मौजूद नहीं होते। अस्पताल में अव्यवस्थाएं और अनियमितताएं इतनी गंभीर हैं कि अल्ट्रासाउंड जैसे महत्वपूर्ण जांच भी बिना किसी सही प्रक्रिया के की जा रही हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि आशा वर्कर्स भी इन फर्जी अस्पतालों के साथ मिलकर काम कर रही हैं। वे 7 से 8 हजार रुपये के लालच में डिलीवरी वाली महिलाओं को प्राइवेट अस्पतालों में ले जाकर छोड़ देती हैं, जिससे इन आशा वर्कर्स को मोटा पैसा मिलता है।
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का कहना है कि इस मामले की गहन जांच की जाएगी और जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे ऐसे फर्जी अस्पतालों के खिलाफ अपनी आवाज उठाएं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी स्वास्थ्य अधिकारियों को दें।
इस घटनाक्रम ने स्थानीय निवासियों में चिंता बढ़ा दी है और उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से सख्त कदम उठाने की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और आम जनता की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।