महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की दूसरी सूची जारी होने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा है। इस सूची में कुछ नामों की घोषणा के साथ ही कई स्थानों पर कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जाहिर की है। पूर्व विधायक जगन्नाथ शेट्टी के बेटे ने पार्टी के निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस में दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है।
आरोपों की बौछार
जगन्नाथ शेट्टी के बेटे ने कहा, “धारावी में वर्षा गायकवाड की बहन को टिकट दिया गया है, लेकिन सायन कोलीवाडा में मुझे छोड़कर गणेश यादव को टिकट दिया गया।” उन्होंने आगे कहा, “वर्षा की बहन पार्टी की सदस्य तक नहीं है, और वह तथा उसका पति केवल कांग्रेस को बेचने के लिए आए हैं। पार्टी हाईकमान को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।”
दूसरी सूची में उम्मीदवारों की घोषणा
कांग्रेस ने 20 नवंबर को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद विधानसभा चुनाव के लिए दूसरी सूची जारी की है। इस सूची में जालना से मौजूदा विधायक कैलाश गोरंट्याल को टिकट दिया गया है, जबकि सुनील केदार की पत्नी अनुजा को सावनेर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। उल्लेखनीय है कि सुनील केदार को नागपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (एनडीसीसीबी) घोटाले में दोषी ठहराए जाने के बाद चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया गया है।
कांग्रेस ने इससे पहले पहली सूची में 48 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की थी, जिससे अब तक कुल 71 उम्मीदवारों का ऐलान हो चुका है।
महाविकास अघाड़ी का विश्वास
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व डिप्टी स्पीकर वसंत पुरके को फिर से रालेगांव (यवतमाल) से टिकट दिया गया है, वहीं शिवाजीराव मोघे के बेटे जितेंद्र को अरनी सीट (यवतमाल) से उम्मीदवार बनाया गया है। पार्टी ने अन्य महत्वपूर्ण सीटों पर भी उम्मीदवारों की घोषणा की है, जैसे सायन कोलीवाड़ा से गणेश यादव और कांदिवली पूर्व से कालू बधेलिया।
कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने उम्मीदवारों के चयन के पीछे की प्रक्रिया पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कांग्रेस सीईसी ने महाराष्ट्र की शेष सीटों पर चर्चा की और इसी आधार पर निर्णय लिया गया। उन्होंने विश्वास जताया कि महाविकास अघाड़ी की सरकार बनेगी, और जनता चुनाव में उनका समर्थन करेगी।
पीसीसी प्रमुख नाना पटोले ने लोकसभा चुनावों की तुलना में विधानसभा चुनावों में महाविकास अघाड़ी के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई है, और कहा कि यह एक पूर्ण बहुमत वाली सरकार का गठन करेगी।
जैसे-जैसे चुनाव की तारीखें नजदीक आ रही हैं, पार्टी के भीतर की नाराजगी और उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया पर उठ रहे सवाल राजनीतिक परिदृश्य को और अधिक रोचक बना रहे हैं।