कर्नाटक के विजयपुर जिले में वक्फ बोर्ड अधिनियम पर चर्चा तेज हो गई है, जब जिला प्रशासन ने कुछ किसानों की 1,200 एकड़ जमीन को वक्फ में शामिल करने का फैसला किया। होनवाड़ा गांव के किसानों ने इसका कड़ा विरोध किया है, उनका कहना है कि यह उनकी पुश्तैनी संपत्ति है।
किसानों ने जिला प्रभारी मंत्री एमबी पाटिल को ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने नोटिसों का विरोध किया है, जिनमें दावा किया गया है कि उनकी जमीन वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। ताजा विवाद का केंद्र टिकोटा तालुक के होनवाड़ा गांव में है, जहां अधिकारियों पर आरोप है कि वे इस जमीन को धार्मिक संस्था शाह अमीनुद्दीन दरगाह के अधीन करने का प्रयास कर रहे हैं।
तहसीलदार द्वारा भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार यह जमीन वक्फ बोर्ड की है। आवास, वक्फ और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री जमीर अहमद खान ने हाल ही में वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण को लेकर बैठक की थी, जिसके बाद विवादास्पद नोटिस जारी किए गए।
किसानों ने इस बात पर रोष जताया है कि गांव में इस नाम की कोई दरगाह नहीं है और कहा है कि वे कई पीढ़ियों से इस जमीन के मालिक हैं। होनवाड़ा के किसान तुकाराम नालोदे ने कहा कि यदि सरकार इन नोटिसों को वापस नहीं लेती, तो वे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
वहीं, भाजपा नेता तेजस्वी सूर्या ने इस मुद्दे पर हमला करते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड ने किसानों की पुश्तैनी जमीन पर बिना किसी सबूत के अपना स्वामित्व जताया है। सूर्या ने आरोप लगाया कि वक्फ मंत्री ने अधिकारियों को जमीन को वक्फ संपत्ति के रूप में पंजीकृत करने का निर्देश दिया है, जो कि किसानों के अधिकारों का उल्लंघन है।