इजराइल ने शनिवार को ईरान के 10 ठिकानों पर हवाई हमले किए, जो एक अक्टूबर को ईरान द्वारा इजराइल पर सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलों के हमले का प्रतिशोध था। यह हमला 26 दिनों के बाद हुआ है और इजराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने इससे पहले चेतावनी दी थी कि यह हमला इतना प्रभावशाली होगा कि दुनिया को समझ में आ जाएगा कि इजराइल की तैयारी कितनी गंभीर है।
गैलेंट ने इजराइल के एक एयरबेस से यह ऐलान किया, जिससे यह संकेत मिलता है कि ईरान पर संभावित बड़े हमले की योजना बनाई जा रही है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने लेबनान के नेताओं के साथ सीजफायर पर बातचीत शुरू कर दी है, जो इस बात का संकेत है कि ईरान पर हमले का खतरा बढ़ रहा है। ईरान ने इस खतरे को भांपते हुए अपनी सेना को हमले की तैयारी तेज करने का आदेश दिया है।
ईरानी सुप्रीम लीडर अली खामेनेई ने अपनी सेना को निर्देश दिया है कि वह इजराइल पर हमले के लिए कम से कम 12 अलग-अलग योजनाएं तैयार करें। ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) को डर है कि इजराइल उनके न्यूक्लियर साइट्स, ऑयल फील्ड्स और महत्वपूर्ण नेताओं को लक्ष्य बना सकता है। अगर ऐसा हुआ, तो ईरान ने इजराइल के सभी न्यूक्लियर केंद्रों और एयरबेस को नष्ट करने की रणनीति बनाई है।
इससे पहले, इजराइली सेना के चीफ हालेवी ने लेबनान में ग्राउंड ऑपरेशन के दौरान यह जानकारी दी कि हिज्बुल्लाह के खिलाफ उनका अभियान लगभग समाप्त हो चुका है। उन्होंने कहा कि अब इजराइल का ध्यान ईरान की ओर मुड़ सकता है, जिससे अगले कुछ दिनों में एक नई सैन्य कार्रवाई की संभावना बन सकती है।
इस घटनाक्रम ने क्षेत्र में युद्ध की संभावना को बढ़ा दिया है, और दोनों देशों के बीच तनाव गहरा होता जा रहा है। स्थिति को लेकर पूरी दुनिया की नजरें बनी हुई हैं।