बांग्लादेश में राजनीतिक बदलाव के बाद से अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार की घटनाओं में वृद्धि के बीच, चटगांव में हजारों बांग्लादेशी हिंदू शुक्रवार को सड़कों पर उतरे। यह प्रदर्शन सनातन जागरण मंच (एसजेएम) के नेतृत्व में हुआ, जिसमें उन्होंने नई सरकार के सामने अपनी मांगें रखीं। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद अब मोहम्मद यूनुस के हाथ में सत्ता है, और हिंदू समुदाय अपनी सुरक्षा और अधिकारों के लिए चिंतित है।
बांग्लादेशी हिंदुओं ने आठ मुख्य मांगें पेश की, जिनमें अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों की त्वरित सुनवाई, पीड़ितों को मुआवजा और पुनर्वास, अल्पसंख्यक संरक्षण अधिनियम का कार्यान्वयन, और हिंदू कल्याण ट्रस्टों को हिंदू फाउंडेशन में अपग्रेड करना शामिल है। इसके साथ ही, उन्होंने संपत्ति पुनर्प्राप्ति और संरक्षण अधिनियम का सही क्रियान्वयन करने, सभी शैक्षणिक संस्थानों में पूजा स्थलों की स्थापना, और हॉस्टेल में प्रार्थना कक्षों के आवंटन की भी मांग की।
इस प्रदर्शन के दौरान बांग्लादेशी हिंदुओं ने कहा कि पिछले कुछ समय में हिंदुओं पर अत्याचार की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं, विशेषकर जब से शेख हसीना के इस्तीफे के बाद देश में राजनीतिक अस्थिरता आई है। प्रदर्शनकारियों का मानना है कि जब भी बांग्लादेश में सरकार बदलती है, हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार बढ़ जाते हैं।
एसजेएम ने इस बात पर जोर दिया कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय को सुरक्षित वातावरण और उनके अधिकारों का संरक्षण आवश्यक है। उन्होंने दोषियों को सजा देने की मांग भी की, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
यह प्रदर्शन बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण पल है, जहां उन्होंने अपनी आवाज को उठाया है और सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की है। अब यह देखना होगा कि नई सरकार इन मांगों पर किस तरह का प्रतिक्रिया देती है और क्या बांग्लादेशी हिंदुओं को उनके अधिकारों की सुरक्षा मिलेगी।