महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों की सरगर्मी बढ़ गई है, और राजनीतिक दलों के बीच उम्मीदवारों के चयन को लेकर मंथन जारी है। 29 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख होने के चलते सभी दलों के नेता संभावित उम्मीदवारों की पहचान करने में जुटे हैं। खासकर, मुंबई की हाई प्रोफाइल वर्ली विधानसभा सीट पर राजनीतिक गतिविधियों में तेजी आई है। यहां से शिवसेना (यूबीटी) ने आदित्य ठाकरे को शिवसेना (शिंदे) का रणनीतिक प्लान
शिवसेना (शिंदे) गुट आदित्य ठाकरे को चुनौती देने के लिए राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा को चुनावी मैदान में उतारने की संभावनाओं पर गंभीरता से विचार कर रहा है। पार्टी के बड़े नेताओं, जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी शामिल हैं, ने मिलिंद देवड़ा से बातचीत की है। अगर यह योजना सफल होती है, तो देवड़ा को युवा चेहरे के रूप में आदित्य ठाकरे के खिलाफ उतारा जाएगा। हालांकि, इस पर अभी अंतिम निर्णय होना बाकी है।
बीजेपी की रणनीति भी सक्रिय
वर्ली सीट पर बीजेपी की ओर से भी चर्चा चल रही है, जहां शायना एनसी का नाम सामने आया है। शायना, जो भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता हैं, ने हाल के दिनों में क्षेत्र में कार्यकर्ताओं से मुलाकातें की हैं और चुनावी तैयारी में जुटी हैं। उनका साड़ी पहनने का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है, जो उन्हें एक विशेष पहचान देता है।
गठबंधन की मंशा और वोटर्स की भूमिका
हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि वर्ली सीट किसके कोटे में जाएगी। कयास लगाए जा रहे हैं कि महायुति गठबंधन में शिंदे गुट को यह सीट मिल सकती है। यहां पर मराठी वोटर्स की संख्या अधिक है, जो चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं। अगर मिलिंद देवड़ा चुनावी मैदान में नहीं उतरते हैं, तो बीजेपी शायना एनसी को शिंदे गुट में शामिल कराकर उन्हें मैदान में उतार सकती है।
नामांकन की प्रक्रिया और आगामी चुनाव
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 22 अक्टूबर से शुरू हुई थी, और अब तक आदित्य ठाकरे सहित 150 से अधिक उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख 29 अक्टूबर है, जिसके बाद 20 नवंबर को मतदान होगा और मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की यह सीट राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, और वर्ली की लड़ाई दिलचस्प हो सकती है। आदित्य ठाकरे के खिलाफ मिलिंद देवड़ा या शायना एनसी का उतारा जाना चुनावी समीकरणों को बदल सकता है। सभी की निगाहें अब इस चुनावी मैदान पर टिकी हैं, जहां हर एक वोट महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।