मध्य प्रदेश के इंदौर और जबलपुर में एक प्रेम विवाह ने विवाद का तूल पकड़ लिया है। इंदौर की युवती अंकिता राठौर ने जबलपुर में मुस्लिम युवक हसनैन से शादी करने के लिए कोर्ट में आवेदन दिया, जिसके बाद से यह मामला गर्मा गया है। हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता इसे लव जिहाद करार देते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, और इस शादी को लेकर इंदौर से लेकर जबलपुर तक हंगामा मचा हुआ है।
कोर्ट में आवेदन के बाद हंगामा
अंकिता राठौर ने जबलपुर जिला कलेक्टर के पास शादी के लिए आवेदन दिया, लेकिन जैसे ही यह जानकारी हिंदू संगठनों और अन्य लोगों को मिली, विरोध की लहर दौड़ गई। दोनों प्रेमियों ने अपनी सुरक्षा के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर बैंच में गुहार लगाई, जिसके बाद मामला और गंभीर हो गया।
सद्बुद्धि यज्ञ का आयोजन
हिंदू संगठनों ने इस शादी का विरोध करते हुए एक सद्बुद्धि यज्ञ का आयोजन किया। अनुसूचित जनजाति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने इंदौर में यज्ञ आयोजित किया, जिसमें उन्होंने हाथों में पोस्टर लिए थे। इन पोस्टरों पर लिखा था, “जिहादी से बचाना है अंकिता को, घर लाना है” और “अंकिता की घर वापसी हर हाल में करवाना है, फिर नहीं होने देंगे हिंदू बेटियों के 400 टुकड़े।”
हाई कोर्ट का निर्णय
इस बीच, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अंकिता राठौर को 15 दिनों के लिए नारी निकेतन भेजने का आदेश दिया, जबकि हसनैन अंसारी को पुलिस सुरक्षा देने के निर्देश दिए गए। यह निर्णय दोनों पक्षों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया, लेकिन हिंदू संगठनों का विरोध जारी है।
सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव
यह मामला न केवल व्यक्तिगत प्रेम कहानी का है, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण बन गया है। जहां एक ओर कुछ लोग इसे प्रेम और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला मानते हैं, वहीं दूसरी ओर कई लोग इसे लव जिहाद के रूप में देख रहे हैं। इस घटना ने मध्य प्रदेश में धार्मिक और सांस्कृतिक मतभेदों को फिर से जीवंत कर दिया है, और आने वाले दिनों में यह और भी जटिल हो सकता है।
अगले कदम
इस मामले में आगे क्या होगा, यह देखना बाकी है। युवती की शादी की इच्छा और उसे लेकर हो रहे विरोध के बीच, अदालत की अगली सुनवाई और स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया इस विवाद के भविष्य को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस स्थिति ने एक बार फिर से धर्म, प्रेम और सामाजिक समरसता के मुद्दों पर सवाल उठाए हैं।