भारत की विकास यात्रा: क्या 10 वर्षों का यह सफर वास्तव में एक नई दिशा का संकेत है?

पिछले एक दशक में, भारत ने न केवल घरेलू मोर्चे पर चहुंमुखी विकास की नींव रखी है, बल्कि वैश्विक मंच पर भी अपनी उपस्थिति को मजबूत किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने अनेक क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है, जिसे अब विश्व स्तर पर मान्यता मिल रही है। हाल ही में भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग टोबगे और नोबेल पुरस्कार विजेता पॉल रोमर ने भारत की उभरती शक्ति को पहचाना है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि दुनिया को भारत की आवश्यकता है।

 क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना का प्रभाव

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने घोषणा की है कि सरकार की क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना “उड़ान” को अगले 10 वर्षों के लिए बढ़ाया जाएगा। 21 अक्तूबर 2016 को शुरू की गई इस योजना के तहत अब तक 601 मार्गों और 71 हवाई अड्डों का संचालन किया जा चुका है, जिससे 2.8 लाख से अधिक उड़ानों में 1.44 करोड़ से अधिक यात्रियों को सुविधा मिली है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय का लक्ष्य 2047 तक हवाई अड्डों की संख्या को 350-400 तक बढ़ाना है।

 जन औषधि केंद्रों की वृद्धि

जन औषधि केंद्रों का लाभ देशभर में लोगों तक पहुँच रहा है। अक्टूबर 2024 तक 14,000 जन औषधि केंद्रों ने 1,000 करोड़ रुपये का कारोबार किया है। पिछले दशक में इन केंद्रों की संख्या में 170 गुना वृद्धि हुई है, और सरकार अगले दो वर्षों में 25,000 नए जन औषधि केंद्र खोलने की योजना बना रही है।

 भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलाइजेशन

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान के अनुसार, 2016 से अब तक 6,26,000 गांवों में भूमि रिकॉर्ड को डिजिटलाइज्ड किया गया है। इससे कानूनी विवादों में कमी आने की उम्मीद है। अप्रैल 2016 में शुरू हुए डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स आधुनिकीकरण कार्यक्रम ने इस प्रक्रिया को गति दी है, जिसके तहत 22.3 मिलियन मानचित्रों को डिजिटल किया गया है।

 सॉफ्टवेयर सेवाओं का बढ़ता निर्यात

भारतीय रिज़र्व बैंक ने सॉफ्टवेयर और सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं के निर्यात में 2.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जो 190.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गई है। निजी निवेश की बढ़ती हिस्सेदारी ने भारत के विकास को मजबूत किया है।

 एम्मार इंडिया का बड़ा निवेश

एम्मार इंडिया ने मुंबई में 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करने का फैसला किया है। समूह का मानना है कि मुंबई का विकास उसके लिए महत्वपूर्ण है और वह देशभर में रियल्टी क्षेत्र में 15,500 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रहा है।

 भारतीय परिधान का बढ़ता निर्यात

एक अनुमान के अनुसार, भारतीय परिधान निर्यातकों को 2025 में 9-11% की राजस्व वृद्धि देखने को मिल सकती है। यूके और ईयू के साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते से इस क्षेत्र को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

शहरी मेगाबस मिशन का आगाज

केंद्र सरकार देश के सभी शहरों में अगले पांच वर्षों में एक लाख इलेक्ट्रिक बसें शुरू करने के लिए शहरी मेगाबस मिशन का आयोजन कर रही है। यह परियोजना लगभग 1.75 लाख करोड़ रुपये की होगी, जिसमें बस स्टॉप, टर्मिनल और डिपो के साथ-साथ 5,000 किलोमीटर पैदल और साइकिल चलाने वाली सड़कों का निर्माण भी शामिल है।

क्या भारत का विकास एक नई दिशा का संकेत है?

इन सभी विकास योजनाओं और पहलों के बीच यह सवाल उठता है कि क्या भारत वास्तव में एक नई दिशा में अग्रसर है? क्या ये बदलाव भारत को एक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करेंगे? भविष्य के संकेत ही यह बताएंगे।

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