बहराइच में हाल ही में हुई हिंसा के आरोपियों की संपत्तियों पर बुलडोजर कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार तक रोक लगा दी है। आज (मंगलवार) को मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस गवई और जस्टिस विश्वनाथन की बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वे इस मामले पर कल तक कोई कार्रवाई न करें।
यह रोक उस याचिका के आधार पर लगाई गई है जिसमें आरोप लगाया गया है कि 13 अक्टूबर को हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत के बाद, तीन आरोपियों को विध्वंस नोटिस जारी किया गया था। याचिकाकर्ता के वकील सीयू सिंह ने बताया कि नोटिस 17 अक्टूबर को जारी किया गया था, लेकिन इसे 18 अक्टूबर की शाम को चिपकाया गया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई की मांग की, जिसे स्वीकार कर लिया गया।
जस्टिस गवई ने मामले की गंभीरता को समझते हुए कहा, “यदि आपके निर्माण सड़क पर है, तो हम आदेश कैसे दे सकते हैं?” वहीं, एएसजी केएम नटराज ने कहा कि मामला हाई कोर्ट में पहले ही लंबित है। जस्टिस विश्वनाथन ने भी स्थिति को ध्यान में रखते हुए कहा कि हाई कोर्ट ने पहले ही 15 दिन का समय दिया है, जो एक तरह से कार्रवाई पर रोक है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने भी इस मामले में राहत देते हुए आरोपियों को जवाब दाखिल करने के लिए 15 दिन का अतिरिक्त समय दिया है। यह मामला तब उभरा जब बहराइच में 22 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा की गोली लगने से मौत हो गई, जिसके बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी। इस हिंसा के चलते इलाके में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया और चार दिनों के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी।
मामले की अगली सुनवाई कल होगी, जिससे यह साफ होगा कि आगे क्या कार्रवाई की जाएगी।