ओडिशा राज्य पर चक्रवात डाना के चलते बड़ा संकट मंडरा रहा है, जिसके प्रभाव से 23 से 25 अक्टूबर तक तटीय क्षेत्रों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश और तेज हवाओं का अनुमान है। क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र, भुवनेश्वर ने चेतावनी जारी की है कि यह चक्रवात जान-माल को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
मौसम विज्ञान केंद्र की निदेशक मनोरमा महंती ने बताया कि बालासोर, भद्रक, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, जाजपुर, पुरी और खोरधा जिलों में 20 से 30 सेंटीमीटर तक बारिश हो सकती है, और कुछ क्षेत्रों में यह आंकड़ा 30 सेंटीमीटर से भी अधिक हो सकता है। बारिश की संभावना 23 अक्टूबर की सुबह से शुरू होगी और तीन दिनों तक जारी रहेगी, जिससे बाढ़, भूस्खलन और जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
तेज हवाओं का भी खतरा है, जिनकी गति वर्तमान में 100 से 110 किमी प्रति घंटा है, जो बढ़कर 120 किमी प्रति घंटा तक पहुंच सकती है। इससे घरों, पेड़ों और बिजली के खंभों को नुकसान होने की संभावना है। 24 अक्टूबर की सुबह तक तूफान की गति का सटीक अनुमान लगाया जा सकेगा, लेकिन प्रशासन ने पहले से ही तैयार रहने की अपील की है।
मौसम विभाग ने मछुआरों को भी चेतावनी दी है कि वे तुरंत समुद्र से लौट आएं और 21 अक्टूबर से समुद्र में न जाएं, क्योंकि समुद्र की स्थिति खतरनाक होती जा रही है। अक्टूबर का महीना ओडिशा के लिए ऐतिहासिक रूप से आपदाओं का समय रहा है, और चक्रवात डाना भी उसी श्रेणी में आ सकता है।
राज्य सरकार और प्रशासन अलर्ट पर हैं, नागरिकों से अपील की जा रही है कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें और किसी भी आपात स्थिति में सरकारी आदेशों का अनुपालन करें। क्या ओडिशा एक और तबाही का सामना करने के लिए तैयार है?