बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले आईटी इंजीनियर विशाल कुमार कश्यप के साथ साइबर ठगी का एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें उससे कुल 7 लाख 74 हजार रुपये ठग लिए गए। यह ठगी एक सुनियोजित तरीके से हुई, जिसमें अपराधियों ने विशाल के आधार कार्ड का इस्तेमाल किया और उसे अवैध रूप से मुंबई से ईरान पार्सल भेजे जाने का डर दिखाया।
घटना का विवरण
14 अक्टूबर को विशाल के पास एक अनजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को एक कुरियर कंपनी का कर्मचारी आकाश वर्मा बताया और कहा कि उसके नाम के आधार कार्ड का उपयोग कर मुंबई से ईरान पार्सल भेजा जा रहा था। उसे चेतावनी दी गई कि अगर वह इस पार्सल को रिसीव नहीं करता, तो यह वापस लौट आएगा। इसके बाद उसकी शिकायत की जा रही थी और जांच मुंबई क्राइम ब्रांच द्वारा की जा रही थी।
पार्सल में क्या था?
पार्सल के बारे में बताया गया कि उसमें चार एक्सपायर्ड पासपोर्ट, एक लैपटॉप, क्रेडिट कार्ड, पेन ड्राइव और 450 ग्राम ड्रग्स शामिल हैं। इस खतरे को देखते हुए विशाल को डराया गया और कहा गया कि उसके खिलाफ मामला दर्ज हो चुका है। इस स्थिति में उसने बिना किसी सोच-विचार के पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए पैसे देने का फैसला किया।
पैसे की मांग
आकाश वर्मा ने दावा किया कि मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी उसके साथ है और वह उसे डिजिटल अरेस्ट कर सकता है। विशाल से तीन अलग-अलग बैंक खातों में कुल 7.74 लाख रुपये की राशि मंगवाई गई। साइबर ठगों ने उसे कई बार फोन किया, जिसमें उन्होंने उसके व्यक्तिगत कर्जे की राशि की जांच के लिए भी कहा।
पुलिस की कार्रवाई
विशाल ने अंततः साइबर थाना में एफआईआर दर्ज करवाई है। डीएसपी साइबर सीमा देवी ने कहा है कि मामले की जांच की जा रही है और पुलिस साइबर अपराधियों को पकड़ने की कोशिश कर रही है। मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है, ताकि पीड़ित को न्याय मिल सके।
विशाल की कहानी इस बात का एक उदाहरण है कि कैसे साइबर ठग अपनी योजनाओं में बेहद चालाकी से काम कर रहे हैं। इस घटना ने यह भी उजागर किया है कि नागरिकों को अपनी व्यक्तिगत जानकारी के प्रति कितनी सतर्कता बरतनी चाहिए।