मिजोरम के ऊर्जा मंत्री एफ रोडिंगलियाना के काफिले और असम राइफल्स के बीच एक विवादास्पद घटना ने राजनीतिक और सुरक्षा परिदृश्य में हलचल मचा दी है। हालिया मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मंत्री ने आरोप लगाया है कि असम राइफल्स ने जानबूझकर उनके वाहन को रोका। हालांकि, अर्धसैनिक बल ने इस दावे को खारिज करते हुए इसे भ्रामक और उनकी प्रतिष्ठा के लिए हानिकारक बताया है।
घटना का विवरण
यह घटना 17 अक्टूबर, 2024 को मिजोरम के ज़ोखावसांग में घटित हुई। मंत्री का आरोप है कि जब असम राइफल्स ने खुफिया रिपोर्ट के आधार पर एक चेकपोस्ट स्थापित किया, तो उनके काफिले को रोक दिया गया। रोडिंगलियाना ने यह भी कहा कि उनके काफिले को राष्ट्रीय राजमार्ग 54 पर एक बैरिकेड के माध्यम से रोका गया, जबकि असम राइफल्स का कहना है कि काफिला स्वेच्छा से उस स्थान पर रुका था।
निजी सचिव का विवाद
इस मामले में और भी विवाद तब बढ़ा, जब मंत्री के निजी सचिव ने असम राइफल्स के सैनिकों के साथ भिड़ंत की। असम राइफल्स ने आरोप लगाया है कि उनके एक अधिकारी को धक्का दिया गया और इस घटना की रिकॉर्डिंग को रोकने की कोशिश की गई। इसके बाद मंत्री के काफिले को वापस लौटने के लिए भी कहा गया।
बिजली कटौती का मामला
इस घटना के बाद मिजोरम में असम राइफल्स की चौकियों पर बिजली कटौती को लेकर गंभीर चिंता पैदा हो गई है। अर्धसैनिक बल ने चेतावनी दी है कि इस तरह के व्यवधान उनकी परिचालन तैयारियों को खतरे में डाल सकते हैं, विशेष रूप से संवेदनशील सीमा क्षेत्रों में। असम राइफल्स ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है।
मीडिया से अपील
असम राइफल्स ने मीडिया से अपील की है कि वे तथ्यों को सही और जिम्मेदारी से रिपोर्ट करें। उन्होंने कहा कि घटनाओं के बारे में गलत सूचना न केवल संगठन की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकती है, बल्कि यह देश की सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर भी सवाल उठाती है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
मिजो जिरलाई पावल (एमजेडपी) ने इस घटना के खिलाफ प्रस्ताव पारित करते हुए संबंधित प्राधिकारी से मामले की जांच की मांग की है। यह मामला मिजोरम की राजनीतिक स्थिति को और जटिल बनाने के लिए खड़ा हो गया है, और इसे लेकर राज्य में विभिन्न प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
यह विवाद न केवल स्थानीय राजनीतिक परिदृश्य में हलचल मचा रहा है, बल्कि यह सुरक्षा बलों और राजनीतिक नेताओं के बीच संबंधों पर भी सवाल खड़ा कर रहा है।