बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के तीखे तेवर भारत के साथ संबंधों को प्रभावित कर रहे हैं, जिससे बांग्लादेश को अब 40 मेगावाट बिजली के लिए नेपाल के सामने गुहार लगानी पड़ रही है। 4 अक्टूबर को बांग्लादेश और नेपाल के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता होने की संभावना है, जिसमें भारत की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
बांग्लादेश का प्रतिनिधिमंडल, जिसका नेतृत्व पावर डिविजन के वरिष्ठ सचिव हबीबुर्रहमान कर रहे हैं, नेपाल पहुंच चुका है। इस डील के तहत बांग्लादेश, भारतीय क्षेत्र के माध्यम से नेपाल से बिजली आयात करेगा। सूत्रों के अनुसार, बांग्लादेश को प्रति यूनिट लगभग 6 रुपये चुकाने होंगे, जबकि सीधे नेपाल से बिजली आयात करने पर लागत कम हो सकती है।
भारत के अडानी ग्रुप के साथ बांग्लादेश का 2017 में हुआ 25 साल का बिजली सप्लाई सौदा अब संकट में है, क्योंकि बांग्लादेश सरकार पर लगभग 800 मिलियन डॉलर का भुगतान बकाया है। इससे बिजली सप्लाई में कटौती की गई है, और बांग्लादेश में बिजली संकट लगातार बढ़ता जा रहा है।
अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे इस संकट का असर बांग्लादेश के उद्योगों पर भी पड़ रहा है, जो मुख्यतः निर्यात पर निर्भर हैं। यदि स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो इसका सीधा असर बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।