राजस्थान के उदयपुर जिले के गोगुंदा क्षेत्र में तेंदुए के हमलों से लोगों में भय और चिंता का माहौल है। पिछले दस दिनों में तेंदुए ने आधे दर्जन लोगों को अपना शिकार बनाया है, जिससे ग्रामीण घरों में कैद रहने को मजबूर हो गए हैं। हालिया घटना में, बडगांव थाना क्षेत्र के राठौड़ों का गुड़ा में एक मंदिर के पुजारी की तेंदुए ने हत्या कर दी। पुजारी का शव मंदिर से करीब 500 मीटर दूर मक्के के खेत में मिला, जिसे तेंदुए ने बुरी तरह से नोच डाला था।
65 वर्षीय पुजारी विष्णुगिरी मंदिर के बाहर सो रहे थे जब तेंदुए ने उन पर हमला किया। घटना के बाद, ग्रामीणों ने वन विभाग और प्रशासन को जानकारी दी। मौके पर वन विभाग के डीएओ अजय चित्तौड़ा, बड़गांव एसडीएम निरमा विश्नोई और अन्य अधिकारी पहुंचे।
तेंदुए का खौफ
पुजारी की गर्दन, एक हाथ और छाती का हिस्सा तेंदुए ने खा लिया था, जिससे उनकी पहचान भी मुश्किल हो गई। घटना के बाद, जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने घटना स्थल का दौरा किया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि सर्च ऑपरेशन को गंभीरता से चलाया जाए। कलेक्टर ने ग्रामीणों से सावधानी बरतने की अपील की।
वन विभाग की कार्रवाई
तेंदुए के हमले के बाद वन विभाग ने राठौड़ा के गुड़ा गांव में दो पिंजरे लगाए हैं। हालांकि, पिछले 11 दिनों में तेंदुए के लगातार हमले जारी हैं, जिससे गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है। वन विभाग ने अब तक चार तेंदुओं को पकड़ लिया है।
सांसद की पहल
उदयपुर सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने वन विभाग और पुलिस प्रशासन के साथ बैठक की, जिसमें तय किया गया कि क्षेत्र में हिरण, सांभर और खरगोश जैसे जानवरों को छोड़ा जाएगा। सांसद ने ग्रामीणों से अपील की कि वे अकेले वन्य क्षेत्र में न जाएं और मवेशियों को भी सुरक्षित रखें।
गोगुंदा में तेंदुए के हमलों की बढ़ती घटनाएं स्थानीय निवासियों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई हैं, और अब प्रशासनिक उपायों की आवश्यकता है।