दिल्ली, पुणे और महाराष्ट्र के बाद अब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हाल ही में डेंगू के चलते दो मौतें हुई हैं। पिछले वीरवार को 18 वर्षीय एक छात्र की डेंगू बुखार के कारण स्थिति बिगड़ गई, और वह प्राइवेट अस्पताल में भर्ती होने के दो दिन बाद वेंटिलेटर पर रहने के बावजूद अपनी जान नहीं बचा सका।
इससे पहले भी उसी क्षेत्र में एक डेंगू से मौत की खबर आई थी। विशेषज्ञों ने लोगों को डेंगू के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी है।
डेंगू बुखार एडिज मच्छर के काटने से फैलता है, जो मुख्यतः दिन में सक्रिय रहता है। इसके काटने के कुछ दिन बाद तेज बुखार, कमजोरी, उल्टी और सिरदर्द जैसे लक्षण सामने आते हैं। सबसे चिंता की बात प्लेटलेट्स का गिरना है, जो गंभीर परिणाम ला सकता है।
प्लेटलेट्स की भूमिका
प्लेटलेट्स खून में मौजूद छोटी कोशिकाएं होती हैं जो रक्तस्त्राव को रोकने में मदद करती हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति के खून में प्लेटलेट्स की संख्या 1,50,000 से 4,50,000 प्रति माइक्रोलीटर होती है। डेंगू के मरीजों का प्लेटलेट्स काउंट नियमित रूप से मॉनीटर किया जाता है, क्योंकि प्लेटलेट्स की कमी, जिसे थ्रोम्बोसाइटोपेनिया कहा जाता है, जानलेवा हो सकती है।
डेंगू से बचाव के उपाय
– पानी इकट्ठा न होने दें।
– पूरी बांह के कपड़े पहनें।
– मच्छर से बचने वाली क्रीम का उपयोग करें।
– बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और ब्लड टेस्ट करवाएं।
अभी लखनऊ में डेंगू के बढ़ते मामलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग और नागरिकों को अतिरिक्त सतर्क रहने की जरूरत है।