भारत में मंकीपॉक्स (Mpox) के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट पर है। मंत्रालय ने राज्यों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें इस वायरस की रोकथाम और बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाने की सलाह दी गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने मुख्य सचिवों को चिट्ठी लिखकर कहा कि यह आवश्यक है कि लोग मंकीपॉक्स के बारे में जागरूक हों ताकि वे पैनिक में न आएं।
मंत्रालय ने निर्देश दिए हैं कि राज्य और जिला स्तर के सीनियर अधिकारी स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा करें। अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि संदिग्ध और कन्फर्म मामलों का सही तरीके से देखभाल किया जा सके।
संदिग्ध मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा और उनकी जांच रिपोर्ट आने तक उन्हें किसी अन्य व्यक्ति के संपर्क में नहीं आने दिया जाएगा। जो मरीज मंकीपॉक्स से संक्रमित पाए जाएंगे, उनके संपर्क में आए लोगों की ट्रेसिंग और जांच की जाएगी। सभी अस्पतालों में मंकीपॉक्स की रोकथाम और उपचार के लिए उचित व्यवस्था रखने का भी निर्देश दिया गया है।
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। इस निर्णय के पीछे अफ्रीका में मामलों में तेजी और अन्य देशों में केसों की बढ़ती संख्या है। भारत में अब तक आए मंकीपॉक्स के मामलों में क्लैड 1 और 2 के केस शामिल हैं।