27 सितंबर 2024 को गाजीपुर की सीजेएम कोर्ट ने चन्दौली जिले से जुड़े 19 पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। इसमें पुलिस अधीक्षक से लेकर आरक्षी तक के अधिकारी शामिल हैं। यह आदेश कांस्टेबल अनिल सिंह की ओर से प्रस्तुत प्रार्थनापत्र पर आया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि ये सभी पुलिसकर्मी अपने पद का दुरुपयोग कर जनता से प्रतिमाह 12 लाख 50 हजार की अवैध वसूली कर रहे हैं। अनिल सिंह ने इस वसूली की सूची भी वायरल की थी।
आरोप के बाद 2021 में अनिल सिंह को बर्खास्त कर दिया गया था। उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए तत्कालीन डीआईजी विजिलेंस लव कुमार ने जांच की थी। अनिल सिंह की ससुराल गाजीपुर के नंदगंज थाना क्षेत्र के बड़हरा गांव में है, जहां से 5 सितंबर 2021 को आरोपी पुलिसकर्मियों ने उनका अपहरण कर लिया था। इस अपहरण की सूचना अनिल सिंह की पुत्री ने 112 पर दी थी।
अनिल सिंह ने चन्दौली के तत्कालीन एसपी अमित कुमार द्वितीय और तत्कालीन एसओ मुगलसराय शिवानंद मिश्रा समेत अन्य पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाया था। मामले की सुनवाई न होने पर उन्होंने गाजीपुर की सीजेएम कोर्ट में 156(3) के तहत प्रार्थना पत्र दायर किया था। उनके द्वारा लगाए गए आरोपों में आईपीसी की धारा 219, 220, 342, 364, 389, 467, 468, 471 और 120-B के तहत अपराध शामिल हैं।
सीजेएम कोर्ट में मामले की सुनवाई के बाद 21 सितंबर को कोर्ट ने इन 19 पुलिसकर्मियों पर गाजीपुर के नंदगंज थाने में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। इस आदेश के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है, लेकिन फिलहाल कोई पुलिस अधिकारी इस मामले पर बोलने को तैयार नहीं है। अनिल सिंह के वकील मुन्नू लाल ने मामले की पुष्टि की और कहा कि कोर्ट का आदेश स्पष्ट है।
यह मामला पुलिस विभाग की内部 गतिविधियों और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों की ओर इशारा करता है, जो आगे चलकर कई सवाल उठाता है। मामले की गहराई में जाने की आवश्यकता है, ताकि न्याय मिल सके।