हमीरपुर: खाद्य सुरक्षा विभाग की लापरवाही से होटल संचालक और दूध व्यापारी कर रहे मनमानी

हमीरपुर जिले में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की अनदेखी के चलते होटल संचालक और दूध व्यापारी अपनी मनमानी कर रहे हैं। जिले के विभिन्न होटलों में गुणवत्ता विहीन मिठाइयाँ बेची जा रही हैं, जबकि दूध के नाम पर प्रतिबंधित प्लास्टिक कैनों और टंकियों में दूध एकत्रित किया जा रहा है।

 होटल संचालकों की मनमानी

स्थानीय होटलों में ज्यादातर मिठाइयों पर कोई एक्सपायरी डेट नहीं लिखी जा रही है। हालात ये हैं कि कुछ नामी-गिरामी होटल में खुलेआम बिना एक्सपायरिंग डेट वाले नमकीन पैकेट बेचे जा रहे हैं। होटल संचालकों की इस मनमानी से आम लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि ऐसी मिठाइयाँ और खाद्य पदार्थ खाने से बीमारियाँ फैलने का खतरा बढ़ जाता है।

 दूध की गुणवत्ता पर सवाल

दूध व्यापारी भी इस स्थिति का फायदा उठाते हुए प्रतिबंधित प्लास्टिक कैनों में दूध की सप्लाई कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में, खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने होटल संचालकों को इस बारे में चेतावनी दी है कि मिठाइयों का रखरखाव सही तरीके से होना चाहिए।

अधिकारियों ने होटल संचालकों को निर्देशित किया है कि मिठाइयों का तापमान ठीक रखा जाए ताकि वे खराब न हों, और मिठाइयों को कितने दिन तक बेचा जा सकता है, इसकी डेट अंकित की जाए।

 विभाग की निष्क्रियता

हालांकि, इन सभी चेतावनियों के बावजूद, विभाग की कार्रवाई का न होना चिंताजनक है। स्थानीय निवासियों ने खाद्य सुरक्षा विभाग की लापरवाही के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की है और उन्होंने प्रशासन से इस मामले की गंभीरता से जांच करने की मांग की है।

जिले के नागरिकों का मानना है कि यदि खाद्य सुरक्षा विभाग सख्त कदम नहीं उठाता है, तो यह स्थिति और भी बिगड़ सकती है, जिससे उनके स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुँच सकता है।

 नागरिकों की अपील

स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से यह भी अपील की है कि वे नियमित रूप से होटलों और दूध की दुकानों की जांच करें और उन पर कार्रवाई करें जो खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि केवल चेतावनियाँ देने से काम नहीं चलेगा, बल्कि ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि लोगों को सुरक्षित और गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थ मिल सकें।

यह मामला हमीरपुर के खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाता है, और नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए यह एक बड़ा चिंता का विषय है।

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