उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में सड़क सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। अब ओवरस्पीड चलाने वाले वाहनों पर नजर रखने के लिए परिवहन विभाग को एक इंटरसेप्टर वाहन प्राप्त हुआ है। यह वाहन विशेष रूप से तेज रफ्तार वाहनों का चालान करने के लिए उपयोग किया जाएगा, और इसे जिले के हाईवे और प्रमुख चौराहों पर नियमित रूप से तैनात किया जाएगा।
रडार तकनीक से लैस
इस नए इंटरसेप्टर वाहन की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें अत्याधुनिक रडार तकनीक लगाई गई है। यह रडार 300 से 500 मीटर की दूरी से आने वाले वाहनों की गति को माप सकता है। यदि कोई वाहन निर्धारित सीमा से अधिक गति से चल रहा है, तो रडार उसके नंबर को प्रिंट कर देता है। इसके अलावा, वाहन के दोनों ओर कैमरे लगे हैं, जिससे किसी भी वाहन को बचने का मौका नहीं मिलेगा।
चालान की प्रक्रिया
एआरटीओ अमिताभ राय ने बताया कि फोर लेन हाईवे पर 80 किमी/घंटा और एक्सप्रेसवे पर 100 किमी/घंटा से अधिक गति से चलने वाले वाहनों पर यह इंटरसेप्टर ऑटोमेटिक चालान काट देगा। उनका कहना है कि तेज गति से चलने वाले वाहनों के कारण सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि होती है। इस उपाय से वाहन चालकों की गति पर अंकुश लगेगा, जिससे सड़क हादसों में कमी आने की उम्मीद है।
सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता
हमीरपुर जिले में सड़क सुरक्षा को लेकर कई जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। हालांकि, इसके बावजूद लोगों पर इसका अपेक्षित प्रभाव देखने को नहीं मिल रहा है। यातायात पुलिस और परिवहन विभाग द्वारा रोजाना सैकड़ों चालान किए जा रहे हैं, लेकिन अब तक की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
भविष्य की संभावनाएँ
इस नए इंटरसेप्टर वाहन के माध्यम से उम्मीद की जा रही है कि सड़क पर ओवरस्पीड चलाने वाले वाहनों की संख्या में कमी आएगी और लोगों के बीच सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। यदि यह पहल सफल रहती है, तो इसे अन्य जिलों में भी लागू किया जा सकता है, जिससे पूरे प्रदेश में सड़क सुरक्षा की स्थिति में सुधार होगा।
इस तरह, हमीरपुर जिले ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम में मदद मिलेगी और सुरक्षित यात्रा को प्रोत्साहित किया जाएगा।