शाहजहांपुर में धार्मिक स्थल को लेकर बवाल: विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने किया पथराव, पुलिस ने संभाली स्थिति

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक धार्मिक स्थल को तोड़ने को लेकर भारी बवाल हुआ है। मामला थाना सिधौली के सिहोरा गांव का है, जहां एक पक्ष ने मुस्लिम धार्मिक स्थल की मजार को तोड़कर उसकी जगह शिवलिंग स्थापित कर दिया। इस घटना के बाद विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने मौके पर पहुंचकर निर्माणाधीन धार्मिक स्थल को ध्वस्त कर दिया, जिसके बाद क्षेत्र में हंगामा और पथराव हुआ।

 

घटना का संक्षेप

मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को काबू में करने की कोशिश की, लेकिन वीएचपी कार्यकर्ताओं ने नियंत्रण से बाहर होकर निर्माणाधीन मुस्लिम धार्मिक स्थल पर हमला कर दिया। पहले, कुछ स्थानीय लोगों ने मजार को तोड़कर वहां शिवलिंग स्थापित किया था, जिसके बाद मुस्लिम पक्ष की शिकायत पर पुलिस ने एक नामजद और कई अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

 

पुलिस ने धार्मिक तनाव को कम करने के लिए मुस्लिम पक्ष के लिए दूसरी जगह एक नया धार्मिक स्थल निर्माण कराने का निर्णय लिया था। लेकिन जैसे ही इस सूचना ने विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं तक पहुंची, उन्होंने मौके पर इकट्ठा होकर हंगामा शुरू कर दिया।

 

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस सूत्रों के अनुसार, हंगामा इतना बढ़ गया कि विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने न केवल नए निर्माण को ध्वस्त किया, बल्कि पुराने धार्मिक स्थल पर भी पथराव किया। यह सब पुलिस के सामने हुआ, जो स्थिति को नियंत्रित करने में असफल रही। घटना के बाद पुलिस ने इलाके में भारी बल तैनात किया है और हालात को संभालने की कोशिश की जा रही है।

 

खुफिया तंत्र की विफलता

यह घटना इस बात का प्रमाण है कि स्थानीय पुलिस का खुफिया तंत्र भी विफल हो गया है। घटना की पूर्व सूचना नहीं मिल पाने के कारण स्थिति बिगड़ गई। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अब पुनः मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

 

सामाजिक तनाव की आशंका

इस घटना ने क्षेत्र में सामाजिक तनाव को बढ़ा दिया है। स्थानीय समुदायों के बीच बढ़ती तनाव की स्थिति को देखते हुए पुलिस ने दोनों पक्षों से वार्ता की योजना बनाई है। अधिकारियों का कहना है कि स्थिति को सामान्य करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे, ताकि आगे किसी भी प्रकार की हिंसा को रोका जा सके।

 

स्थानीय लोगों और राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी इस घटना की निंदा की है और शांति बनाए रखने की अपील की है। इस घटना ने एक बार फिर से धार्मिक सहिष्णुता और सामाजिक सौहार्द पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है।

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