शाहजहांपुर में रामगंगा की बाढ़ से दर्जनों गांव टापू बने, प्रशासन राहत कार्य में जुटा

शाहजहांपुर में बाढ़ लगातार अपना कहर बरसा रही है। यहां नरौरा बैराज से छोड़े गए भारी मात्रा में पानी ने रामगंगा में कहर बरसाना शुरू कर दिया है। एक दर्जन से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आने से गांव टापू बन गए हैं। अलग-अलग फैसले भी बाढ़ में डूब जाने से बर्बाद हुई है। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। फिलहाल जिला प्रशासन बाढ़ से निपटने को लेकर अपनी तैयारियों को चाक चौबंद बता रहा है।

तहसील जलालाबाद और तहसील तिलक के दर्जनों गांव इन दोनों रामगंगा नदी में बाढ़ आ जाने से टापू बन गए हैं। और लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए नाक का सहारा लेना पड़ रहा है। बाढ़ का असर सबसे ज्यादा जलालाबाद तहसील में दिखाई दे रहा है। यहां गांव से कस्बे को जोड़ने वाली दर्जनो सड़के पानी में डूब चुकी है। इसके अलावा दोनों तहसीलों में एक बड़े इलाके में धान, गन्ने और मूंगफली की फसल तबाह हो गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव के अंदर हालत बेहद खराब है। सैकड़ो लोग गांव के अंदर फंसे हुए हैं और गांव के चारों तरफ पानी भरा हुआ है। जिससे खाने पीने की चीजों का भी संकट गहरा रहा है।

फिलहाल जिला प्रशासन का कहना है कि सभी बाढ़ चौकियो को अलर्ट पर रखा गया है। लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए पीएसी और एसडीआरएफ की टीमें लगातार काम कर रही है। स्कूलों में लोगों के लिए शेल्टर होम बनाए गए हैं। प्रशासन अपनी व्यवस्थाओं को चाक चकबंदी बता रहा है।

इससे पहले शहर में गर्रा नदी का जल स्तर बढ़ने से नदी के निकटवर्ती कॉलोनी में पानी घुस गया था। लेकिन गर्रा नदी का पानी का जलस्तर लगातार काम होता जा रहा है। ऐसे में शहर के लोगों को को तो राहत मिल गई है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में आई रामगंगा नदी में बाढ़ से ग्रामीणों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है।

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