मेरठ के लोहियानगर थाना क्षेत्र की जाकिर कॉलोनी में शनिवार शाम को एक तीन मंजिला भवन अचानक ढह गया, जिससे क्षेत्र में अफरातफरी मच गई। इस दर्दनाक हादसे में पांच बच्चों समेत कुल दस लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य लोग घायल हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।
हादसे के तुरंत बाद, स्थानीय निवासियों ने मलबे में दबे लोगों को निकालने के प्रयास शुरू कर दिए। पुलिस, प्रशासन, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम ने रात भर मलबे में जीवन की तलाश जारी रखी। हादसे में मलबे में दबे साजिद और उसके बच्चों की मौत हो गई। साजिद की पत्नी सायमा अस्पताल में गंभीर हालत में है और बेहोश होने के कारण उसे यह भी नहीं पता कि उसकी पूरी परिवार मलबे के नीचे दब चुका है।
*मलबे के नीचे दबे लोगों को तलाशते हुए लोग*
हादसे के दौरान मौके पर मौजूद लोगों ने मलबे के नीचे फंसे सभी लोगों के जिंदा निकलने की प्रार्थना की। हालांकि, साजिद, उसके बेटे साकिब, बेटी सानिया और रिजा, मां नफीसा, और सिमरा की मौत हो गई। एक के बाद एक शव निकलते देख लोगों का दिल दहल गया, लेकिन उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी और बचाव दल के साथ मिलकर मलबा हटाते रहे। रविवार सुबह तक कुल दस शव निकाले जा चुके थे।
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान बिजली कट गई और आसपास के तार टूटने के कारण विद्युत आपूर्ति ठप हो गई। इस समस्या को हल करने के लिए जनरेटर और अस्थायी लाइट की व्यवस्था की गई, जिससे रातभर राहत और बचाव कार्य जारी रहा।
संबंधित पुलिस प्रशासन के पहुंचने से पहले ही आसपास के लोग जैसे निजामुद्दीन, साबिर, हाजी फज्जी, शाहवेज, सुहेल, चांद, अरशद, और अन्य स्थानीय निवासी मदद के लिए मौके पर पहुंचे। इसके अतिरिक्त, सपा महानगर अध्यक्ष आदिल चौधरी, जानू चौधरी, बसपा नेता नूर सैफी, और युवा सेवा समिति के संस्थापक बदर अली भी राहत कार्य में शामिल हुए। प्रशासन के रेस्क्यू शुरू करने के बाद भीड़ को कम करने के लिए लोगों को हटा दिया गया।