भारतीय लाइट टैंक ‘ज़ोरावर’ का शुरुआती ऑटोमोटिव परीक्षण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा शुक्रवार को किए गए डेवलपमेंटल फील्ड फायरिंग ट्रायल के पहले चरण ने रेगिस्तानी इलाकों में सभी निर्धारित उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया। परीक्षण के दौरान, ज़ोरावर टैंक ने लक्ष्यों पर सटीक निशाना साधा।
पहाड़ी इलाकों के लिए सक्षम
ज़ोरावर टैंक को विशेष रूप से उच्च ऊंचाई वाले और पहाड़ी इलाकों में तैनाती के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसे एक अत्यधिक बहुमुखी प्लेटफॉर्म माना जा रहा है, जो केवल पहाड़ी इलाकों में ही नहीं, बल्कि रेगिस्तानी क्षेत्रों में भी प्रभावी साबित हुआ है। परीक्षण के दौरान, टैंक ने रेगिस्तान में भी शानदार प्रदर्शन किया और सभी उद्देश्यों को कुशलतापूर्वक पूरा किया।
फायरिंग प्रदर्शन का मूल्यांकन
प्रारंभिक परीक्षण में, ज़ोरावर टैंक की फायरिंग क्षमता का कठोर मूल्यांकन किया गया, जिसमें टैंक ने लक्ष्यों पर सटीकता से प्रहार किया। यह टैंक लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड के सहयोग से डीआरडीओ की एक इकाई, लड़ाकू वाहन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (CVRDE) द्वारा सफलतापूर्वक विकसित किया गया है। कई भारतीय उद्योग (MSME) ने भी उप-प्रणालियों के विकास में योगदान दिया है, जिससे स्वदेशी रक्षा विनिर्माण क्षमताओं की ताकत साबित हुई है।
रक्षा मंत्री की सराहना
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ज़ोरावर के सफल परीक्षणों के लिए डीआरडीओ, भारतीय सेना और सभी संबंधित उद्योग भागीदारों की सराहना की। उन्होंने इसे भारत की आत्मनिर्भरता के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने भी परियोजना में शामिल पूरी टीम को बधाई दी।