चुनाव आयोग ने हरियाणा राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष, सदस्य (न्यायिक), और सदस्य (गैर-न्यायिक) की नियुक्तियों के लिए चयन समिति की बैठक पर फिलहाल रोक लगा दी है। आयोग ने यह निर्देश हरियाणा के सीईओ को दिया है। यह कदम हरियाणा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उठाया गया है, जिसमें 16 अगस्त से लागू आदर्श आचार संहिता के दौरान इन नियुक्तियों को लेकर कांग्रेस द्वारा चुनाव आयोग से की गई शिकायत के आधार पर लिया गया है।
आयोग ने शिकायत पर कार्रवाई करते हुए चंडीगढ़ में स्थित हरियाणा के सीईओ को निर्देश दिया है कि विधानसभा चुनाव 2024 के संपन्न होने तक इस बैठक को स्थगित रखा जाए। शिकायत में कहा गया था कि ये नियुक्तियां एक समिति की सिफारिश पर की जाती हैं, जिसमें मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, गृह विभाग के प्रभारी मंत्री और राज्य के विपक्षी नेता शामिल होते हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि हरियाणा सरकार इन नियुक्तियों की प्रक्रिया को जल्दबाजी में आगे बढ़ा रही है, जबकि इसके लिए पहले ही पर्याप्त समय उपलब्ध था।
मामला कोर्ट में भी चल रहा है। 5 अप्रैल 2024 को कोर्ट ने हरियाणा सरकार को आदेश दिया था कि लोकसभा 2024 चुनावों के कारण लागू आदर्श आचार संहिता हटने के तीन सप्ताह के भीतर इन सभी पदों की नियुक्तियां पूरी करें। हालांकि, आरोप है कि राज्य सरकार ने निर्धारित समय सीमा के भीतर इस आदेश का पालन नहीं किया। वर्तमान में हरियाणा में विधानसभा चुनाव के चलते आदर्श आचार संहिता लागू है।
चुनाव आयोग का कहना है कि राज्य सरकार को लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद आदर्श आचार संहिता हटने के बाद इन नियुक्तियों को पूरा करने के लिए पर्याप्त समय मिला था, लेकिन वह समय पर नहीं कर पाई। आयोग ने निर्देश दिया है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के पूर्ण होने तक चयन समिति की बैठक को स्थगित किया जाए, ताकि राज्य सरकार को हाई कोर्ट के आदेशों का पालन करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके।